भोपाल। मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय द्वारा शिक्षकों की मृत्यु के बाद उनके उत्तराधिकारियों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उन्हें शिक्षक कर्मचारियों द्वारा नामंजूर कर दिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने अनुकंपा नियुक्ति बंद करने के बजाय ऐसे नियम बना दिए हैं कि कोई अनुकंपा नियुक्ति के योग्य ही नहीं रह जाएगा।
अनुकंपा नियुक्ति नहीं दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों के लिए कोटा सिस्टम है
शासकीय अध्यापक संघ के कर्मचारी नेता श्री उपेंद्र कौशल का कहना है कि, मध्य प्रदेश में सरकार ने अनुकंपा के लिए भी योग्यता की शर्त निर्धारित कर दी है। एक शिक्षक के उत्तराधिकारी को कक्षा 12 में 50% फिर डीएलएड, BEd और उसके बाद शिक्षक पात्रता परीक्षा क्वालिफाई करनी होगी। सवाल यह है कि यदि यह प्रक्रिया पूरी करनी है तो फिर नियुक्ति में अनुकंपा कहां रह गई है। यह तो दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों के लिए अघोषित आरक्षण कोटा हो गया है।
मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष सुभाष सक्सेना ने सरकार से मांग की है कि वह अनुकंपा नियुक्ति को उसके मूल स्वरूप में ही रहने दे। दिवंगत कर्मचारी के आश्रित के पास जो भी योग्यता हो, उसके अनुसार शिक्षा विभाग में शैक्षणिक या गैर शैक्षणिक किसी भी पद पर तुरंत नियुक्ति दी जाए। शिक्षक के बेटे को शिक्षक बनाना जरूरी नहीं है। शिक्षक का बेटा अच्छा कंप्यूटर ऑपरेटर भी हो सकता है। शिक्षक की बेटी अच्छी लाइब्रेरियन भी हो सकती है।
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