इंदौर। इंदौर जिले के 1700 स्कूलों के संचालक (शिक्षक) काफी परेशान है। राज्य शिक्षा केंद्र सन 2021 में शाला प्रबंध समिति के बैंक खातों से सारा पैसा निकाल लिया था। खाते खाली हैं और आदेश जारी हुआ है कि विकास यात्रा के समय दिल खोलकर खर्चा करना है।
राज्य शिक्षा केंद्र ने सभी स्कूलों को आदेश जारी किया है कि वह विकास यात्रा के दौरान स्कूल भवन की रंगाई पुताई कराएं। सजावट कराई जाए। स्कूल भवन के रूप में मध्य प्रदेश का विकास दिखाई देना चाहिए। वैसे स्कूलों की रंगाई पुताई परीक्षा के बाद और एडमिशन से पहले होती है। 15 अगस्त और 26 जनवरी को सजावट की जाती है परंतु इस बार राज्य शिक्षा केंद्र ने कहा है कि विकास यात्रा का महोत्सव मनाना है। विकास यात्रा के दौरान ही वार्षिकोत्सव भी करना है। सरकारी स्कूलों का प्रबंधन देखने वाले शिक्षकों का कहना है कि, इस प्रकार के सारे खर्चे शाला प्रबंध समिति के खाते से किए जाते थे। 2021 में सभी खाते बंद कर दिए गए हैं। स्कूल के पास बजट नहीं है। काम कैसे कराएं।
अक्षय सिंह राठौर, डीपीसी का कहना है कि, शासन की नीति के हिसाब से स्कूलों को यह काम करना होंगे। छात्र संख्या के हिसाब से 10 हजार से 1 लाख दिए जाएंगे। बिल लगाएं, पैसा मिल जाएगा। कुल मिलाकर शिक्षकों को अपनी जेब से 1-2 लाख रुपए खर्च करने होंगे। बाद में बिल लगाएंगे, कब तक पैसा मिलेगा कोई भरोसा नहीं है।
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