जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा के कुलसचिव डॉ सुरेंद्र सिंह परिहार की याचिका को निरस्त करते हुए विद्वान न्यायमूर्ति श्री आनंद पाठक में स्पष्ट किया है कि कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति किसी भी समय समाप्त की जा सकती है। डॉ परिहार को आपत्ति थी कि उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले उनकी प्रतिनियुक्ति को समाप्त कर दिया गया है।
कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही प्रतिनियुक्ति समाप्त कर दी गई
मूल रूप से याचिकाकर्ता की नियुक्ति 1982 में उच्च शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में हुई थी। वर्ष 2020 में उन्हें प्रतिनियुक्ति पर विश्वविद्यालय में कुलसचिव बनाया गया। इसके बाद दो बार कार्यकाल बढ़ाया गया। उनकी ओर से दलील दी गई कि याचिकाकर्ता का कार्यकाल 14 मार्च, 2023 को समाप्त होना है, किंतु उससे पहले ही सेवाएं उच्च शिक्षा विभाग को वापिस कर दी गईं।
सरकार प्रतिनियुक्ति को कभी भी समाप्त कर सकती है: हाई कोर्ट
मध्य प्रदेश राज्य शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी ने दलील दी कि सरकार को यह अधिकार है कि वे अपने कर्मचारी की सेवाएं वापस मूल विभाग में ट्रांसफर कर सकती है। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन की कार्रवाई को उचित मानते हुए याचिका निरस्त कर दी।
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