भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जंगलों में लगभग 1000 साल पुराना प्राचीन और दुर्लभ शिव मंदिर मिला है। पुरातत्व विभाग की टीम को इसके अलावा दो और मंदिर मिले हैं जिनमें से एक भगवान श्री गणेश का है। रिसर्च के दौरान यह भी पता चला है कि ग्यारसपुर के जिस प्राचीन निर्माण को बाजरा मठ कहा जाता है, यही प्राचीन सूर्य मंदिर है जो कोणार्क के सूर्य मंदिर के समय बनाया गया था।
भोपाल के सैय्यद इम्तियाज ने खोजा 1000 साल पुराना शिव मंदिर
भोपाल के सैय्यद इम्तियाज ने पुरातत्व विभाग को नीलगढ़ में मंदिर के अवशेष मिलने की सूचना दी थी, जब आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने डॉ. अहमद अली, डॉ. वसील खान, जितेंद्र अनंत के साथ मौके पर पहुंचकर देखा तो रातापानी सेंचुरी में 12 वीं शताब्दी का प्राचीन और दुर्लभ शिव मंदिर मिला। यह मंदिर नीलगढ़ से दक्षिण दिशा में 500 मीटर की दूरी पर है। देखरेख के अभाव में, प्रकृति से लड़ते हुए यह मंदिर जीर्ण-शीर्ण दिखाई देता है परंतु अपना वैभवी प्रदर्शित कर रहा है। पुरातत्व विभाग ने मंदिर को अपने संरक्षण में ले लिया है और वन विभाग से अनापत्ति मांगी है।
आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट की टीम ने जब इस मंदिर के आसपास के इलाकों में सर्च इनकी तो दो और मंदिर मिल गए। इनमें से एक मंदिर के अवशेषों को जमा करके ग्रामीणों ने एक चबूतरा बना दिया है। जिसे वह अपने देवता का स्थान मानते हैं जबकि दूसरे मंदिर के अवशेष मूल स्वरूप में मिल गए हैं। यह भगवान श्री गणेश का मंदिर है। यह मंदिर भी 1000 वर्ष पुराना है। आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट में इसे भी अपने संरक्षण में ले लिया है।
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