भोपाल। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) के तहत खेत सड़क योजना को मध्यप्रदेश में बंद कर दिया गया था परंतु भारतीय किसान संघ के कहने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना को फिर से लागू करने की घोषणा की। चुनावी साल चल रहा है, मंत्रालय के अफसरों ने फटाफट योजना की नई पॉलिसी तैयार कर ली है। दावा किया जा रहा है कि चुनाव से पहले हर खेत तक सड़क बना दी जाएगी।
मध्यप्रदेश खेत सड़क योजना के प्रमुख बिंदु
- प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक सड़क बनाई जाएगी।
- दो सड़क कम से कम 10 खेतों को जोड़ती हो, उसे सबसे पहले बनाया जाएगा।
- सड़क की लागत यदि 25 लाख रुपए तक है तो सड़क बनाने का काम ग्राम पंचायत करेगी।
- सड़क कच्ची होगी लेकिन मशीन से भी बनाई जा सकती है।
- जिला स्तर पर कलेक्टर का फैसला अंतिम होगा।
- बड़े मामलों के फैसले राज्य स्तर पर किए जाएंगे।
मध्यप्रदेश खेत सड़क योजना- पंचायत विभाग के अपर मुख्य सचिव का बयान
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने सभी कलेक्टरों को प्राथमिकता के आधार पर खेत सड़क योजना को मनरेगा में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। इसमें अनुसूचित जाति-जनजाति बहुल ग्राम के साथ टोलों के खेतों को प्राथमिकता दी जाएगी। एक से अधिक सड़क यदि किसी पंचायत क्षेत्र में बनाई जानी है तो उसके लिए राज्य स्तर से अनुमति लेनी होगी। सड़क मुरम और गिट्टी की होगी। इसके निर्माण में मशीन का उपयोग किया जा सकेगा लेकिन मजदूरी और सामग्री भुगतान के लिए निर्धारित मापदंड का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा।
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