भोपाल। सीहोर स्थित कुबेरेश्वर धाम में पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष महोत्सव के कारण इंदौर भोपाल हाईवे पर लगभग 24 घंटे से ज्यादा 27 किलोमीटर लंबा जाम, 2 महिलाओं और एक मासूम बच्चे की मौत, 5000 से ज्यादा लोगों की तबीयत खराब और तमाम प्रकार के हाहाकार के चलते मानवाधिकार आयोग ने सीहोर के कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है।
मानवाधिकार आयोग ने मध्यप्रदेश का कुबेरेश्वर धाम मामला स्वत संज्ञान में लिया
समाचार मिला है कि मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन श्री मनोहर ममतानी ने इस मामले को स्वत संज्ञान में लिया है। अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए उन्होंने सीहोर जिले के कलेक्टर एवं एसपी को 1 सप्ताह का समय दिया है। कलेक्टर एसपी का जवाब मिलने के बाद मानवाधिकार आयोग इस मामले में अगला कदम उठाएगा और यदि जवाब नहीं दिया गया तो एक तरफा सिफारिश की जाएगी। सनद रहे कि जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति के लिए कलेक्टर एवं एसपी संवैधानिक रूप से जिम्मेदार होते हैं। यदि वह किसी के दबाव में आकर कानून और व्यवस्था की स्थिति को बिगड़ने देते हैं तो ना केवल उन्हें पद से हटाया जा सकता है बल्कि उन्हें शासकीय सेवा की अयोग्य घोषित किया जा सकता है। नोटिस में मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन ने पूछा है कि:-
मानवाधिकार आयोग- सीहोर के कलेक्टर एसपी से सवाल
- रुद्राक्ष महोत्सव के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा को अधिकतम कितनी संख्या की अनुमति दी गई थी।
- क्या प्रशासनिक अधिकारियों ने आयोजकों द्वारा की गई आने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की जांच की थी।
- क्या कलेक्टर एसपी ने भोपाल इंदौर हाईवे पर ट्रैफिक कोड डिस्टरबेंस से रोकने के लिए कोई इंतजाम किया था।
- पहले दिन स्थिति नियंत्रण से बाहर होने के बाद, प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाए गए।
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