भोपाल। मध्यप्रदेश में शिवपुरी के बाद सीहोर में भी कमलनाथ को मुख्यधारा के पत्रकारों के अप्रिय प्रश्नों का सामना करना पड़ा। पत्रकारों ने उनसे जितने भी प्रश्न पूछे, कमलनाथ के पास किसी प्रश्न का उत्तर ही नहीं था। उन्होंने सैद्धांतिक बातें करके पत्रकार वार्ता को आगे बढ़ाने का प्रयास किया परंतु जब तीखे सवालों का सिलसिला बंद नहीं हुआ तो कमलनाथ में तिलमिलाते हुए कहा चलिए बहुत हो गया, माइक टेबल पर रखा और उठ कर चले गए। पत्रकारों को धन्यवाद तक नहीं दिया।
सीहोर कांग्रेस की कार्यकारिणी जल्दी ही घोषित होने वाली है
पत्रकार वार्ता के दौरान कमलनाथ से पूछा गया कि सीहोर में पिछले 18 महीने से कांग्रेस पार्टी की कार्यकारिणी ही नहीं है जबकि सीहोर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का जिला है। कांग्रेस पार्टी कैसे जनता का विश्वास जीत पाएगी। मजेदार बात यह है कि उन्हें पता ही नहीं था, सीहोर में कार्यकारिणी है या नहीं है। सबसे पहले उन्होंने कहा कि यहां कार्यकारिणी है और काम कर रही है। सज्जन सिंह वर्मा ने चुपके से कान में सही जानकारी दी। फिर कमलनाथ ने कहा कि, सीहोर में कांग्रेस पार्टी की कार्यकारिणी जल्दी ही घोषित होने वाली है।
सीहोर में 165 मकान टूट गए, कमलनाथ को पता ही नहीं है
सरकार पर अंकुश लगाना विपक्षी पार्टी का नैतिक दायित्व है। सरकार द्वारा आम जनता पर किए जा रहे कथित अत्याचार के खिलाफ लड़ना, विपक्षी दल की पॉलिटिकल रिस्पांसिबिलिटी है। इसी के आधार पर वह जनता के बीच जाती है और वोट मांगती है परंतु सीहोर में 100 साल पुरानी 165 मकान तोड़ दिए गए। आश्चर्य की बात है कि कमलनाथ को इसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। पत्रकार वार्ता के दौरान कमलनाथ बता नहीं पाई कि उन्होंने सीहोर के पीड़ितों के लिए अब तक क्या किया और आगे क्या करने वाले हैं।
सरकार ने हाइवे जाम कर दिया, ट्रेनें रद्द कर दी, कमलनाथ को यह भी नहीं पता
पत्रकारों ने जब पूछा कि, कथावाचक प्रदीप मिश्रा के एक कार्यक्रम के लिए भोपाल इंदौर हाईवे बंद 16 से 19 फरवरी तक के लिए बंद करने की घोषणा कर दी गई है। सीहोर रुकने वाली सभी ट्रेनों को रद्द कर देने के समाचार हैं। कांग्रेस पार्टी जनता के लिए क्या कर रही है। एक बार फिर आश्चर्यजनक की कमलनाथ को इतनी बड़ी घटना के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है। यहां तक कि उन्होंने इस प्रश्न पर अपना ओपिनियन भी नहीं दिया।
सवालों का सामना नहीं कर पाए, 6 मिनट में पत्रकार वार्ता समाप्त
सीहोर के पत्रकारों ने कमलनाथ से दूसरे और तीखे सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि मोहन भागवत और ब्राह्मण समाज के बीच जो विवाद की स्थिति बनी है उसमें उनका क्या ओपिनियन है। कमलनाथ ने प्रश्न को डाल दिया। जब उनसे पूछा गया कि, सीहोर विधानसभा में 42000 अनुसूचित जाति के वोटर हैं। क्या इस बार अनुसूचित जाति से कोई प्रत्याशी उतारने का विचार है। इस प्रश्न पर कमलनाथ तिलमिला गए। उन्होंने कहा कि अभी प्रत्याशी के चयन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है और आप पूछ रहे हैं कि मैं किसी टिकट देने वाला हूं। चलिए बहुत हो गया।(माइक टेबल पर रखकर कमलनाथ चले गए, पत्रकारों को धन्यवाद भी नहीं दिया)। यह पत्रकार वार्ता कुल 6.14 मिनट चली। इसमें से 2.54 मिनट कमलनाथ ने अपना विषय रखा और शेष लगभग 3 मिनट पत्रकारों को प्रसन्न करने के लिए मिले।
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