भोपाल। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में रीवा लोकायुक्त पुलिस ने छापामार कार्रवाई करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी के क्लर्क को ₹25000 रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार करने का दावा किया है। लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि एक आदिवासी महिला को आंगनवाड़ी सहायिका के पद पर सरकारी नौकरी दिलाने के बदले रिश्वत वसूली जा रही थी।
मध्यप्रदेश में आदिवासी महिला से ₹25000 रिश्वत वसूली
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के नागरिकों को बिना परीक्षा, योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी देने का प्रावधान है। लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ के मुताबिक, रौहाल निवासी रनिया देवी पति स्व. तेजभान सिंह (38) ने लोकायुक्त कार्यालय रीवा आवेदन देकर शिकायत की थी कि परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास कुसमी का बाबू एसके तिवारी सहायक ग्रेड 2 ने आंगनवाड़ी सहायिका के पद में नौकरी के बदले में 25 हजार रिश्वत की मांग कर रहा है।
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में लोकायुक्त पुलिस की छापामार कार्रवाई
जांच में शिकायत सही पाए जाने पर मंगलवार दोपहर लोकायुक्त की 16 सदस्य टीम ने परियोजना कार्यालय महिला बाल विकास कुसमी पर दबिश दी। टीम ने धरपकड़ करने के लिए जाल बिछाया और जैसे ही फरियादी रनिया देवी ने आरोपी बाबू को 25 हजार रुपए रिश्वत के दिए। इस दौरान लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।
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