जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन के उस आदेश को प्रथम दृष्टया अनुचित माना है जिसमें जबलपुर सहित भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, सागर विदिशा एवं रीवा के डॉक्टरों को अचानक सतना मेडिकल कॉलेज के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सतना में नवीन मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन होना है और अब तक डॉक्टरों की पदस्थापना नहीं हो पाई है। आनन-फानन में कई डॉक्टरों को अचानक ट्रांसफर कर दिया गया है।
याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी डा. मयूरा सेतिया की ओर से अधिवक्ता संजय वर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि डीएमई द्वारा 17 फरवरी, 2023 को जारी उस पत्र की वैधानिकता चुनौती के योग्य है, जिसके जरिये जबलपुर, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, रीवा, सागर व विदिशा मेडिकल कालेज के डीन से उनके अधीन काम करने वाले डाक्टरों की सूची मांगी गई। साथ ही यह भी कहा गया है कि पत्र के साथ संलग्न सूची में शामिल चिकित्सकों को तत्काल सतना मेडिकल कालेज में ज्वाइनिंग कराई जाए।
सभी डॉक्टरों को एकतरफा रिलीव कर दिया गया और सतना मेडिकल कॉलेज में ज्वाइन करने के आदेश दिए गए। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने इस सिलसिले में राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त व डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज जबलपुर को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को निर्धारित की गई है।
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