भोपाल। दिनांक 5 फरवरी को भेल भोपाल में पुरानी पेंशन के लिए 10,000 कर्मचारियों के शक्ति प्रदर्शन के बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार की चिंताएं बढ़ गई हैं। कांग्रेस वाले कर सकते हैं परंतु भाजपा की राज्य सरकार केंद्र सरकार के खिलाफ पुरानी पेंशन लागू नहीं कर सकती। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को किसी ऐसे तेनालीराम की तलाश है जो पुरानी पेंशन की समस्या का समाधान निकाल सके।
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार पुरानी पेंशन लागू क्यों नहीं कर सकती
शिवराज सरकार, कहने में यह शब्द अच्छा लगता है परंतु वास्तविकता में यह भाजपा सरकार है। भाषणों में भले ही शिवराज सिंह चौहान सरकारी फैसलों, योजना और बजट इत्यादि के लिए 'मैं' शब्द का उपयोग करते हो परंतु मुख्यमंत्री होने के बावजूद उनके दायरे सीमित हैं क्योंकि केंद्र में भाजपा की सरकार है। केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू की है। भारतीय जनता पार्टी का कोई भी मुख्यमंत्री अपने राज्य में इसे बंद नहीं कर सकता। यदि ज्यादा दबाव बनाया तो केंद्रीय कमान मध्यप्रदेश में भाजपा का चेहरा बदल देगी।
पुरानी पेंशन मामले में तेनालीराम क्या करेगा
जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दूं कि, 'तेनालीराम' का मतलब है जटिल समस्याओं का समाधान करने वाला। कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं दे सकते लेकिन क्या कोई ऐसी योजना बना सकते हैं जो नई पेंशन योजना के साथ लागू की जाए और कर्मचारियों को संतोष हो जाए। यानी सास भी नाराज ना हो और बहन का चूल्हा भी जल जाए।
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