भोपाल। 4 दिन पहले तक मध्य प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री बताए जा रहे, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सबसे पहले ग्वालियर में खुद को सीएम कैंडिडेट की लिस्ट से अलग करने का बयान दिया और फिर आज भोपाल में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया, हालांकि बाद में यू टर्न ले लिया गया। भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने चुटकी लेते हुए कहा कि, उस सेना का क्या होगा जिसके सेनापति ने पहले ही मैदान छोड़ दिया हो।
कमलनाथ, बुढ़ापे में बेइज्जती कराने से क्या फायदा
भाजपा नेता सुरेंद्र शर्मा ने अपने बयान में लिखा कि, कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और मुंगेरी लालों के भावी मुख्यमंत्री कमलनाथ विधान सभा चुनाव नहीं लड़ेंगे, क्योंकि कमलनाथ को भी पता है "न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी" सो बुढ़ापे में बेइज्जती कराने से क्या फायदा लेकिन उस सेना का क्या होगा जिसके सेनापति ने पहले ही मैदान छोड़ दिया हो?
भाजपा ने छिंदवाड़ा के दंगल में दमदार पहलवान उतारने की रणनीति बनाई थी
हाल ही में भारतीय जनता पार्टी ने कमलनाथ की विधानसभा सीट छिंदवाड़ा से दमदार पहलवान उतारने की रणनीति बनाई थी। तय किया गया था कि, कांग्रेस पार्टी के सीएम कैंडिडेट कमलनाथ को छिंदवाड़ा में, नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह को लहार विधानसभा सीट पर और दिग्विजय सिंह के उत्तराधिकारी जयवर्धन सिंह को राधौगढ़ में चुनाव हराने के लिए पूरी ताकत से काम किया जाएगा।
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