INDIAN INSTITUTE OF TECHNOLOGY INDORE- मध्य प्रदेश की व्यापारिक राजधानी इंदौर के IIT में अंतरिक्ष विज्ञान एवं इंजीनियरिंग (स्पेस साइंस एंड इंजीनियरिंग) में नया बीटेक कोर्स शुरू किया जा रहा है। छात्रों को JEE एडवांस के पर्सेंटाइल के आधार पर कोर्स में प्रवेश दिया जाएगा।
12th के बाद BTech Space Science Engineering- IIT इंदौर में एडमिशन कैसे होगा पढ़िए
कोर्स यूनिक इंटरडिसिप्लिनरी (Interdisciplinary) होगा जिसमें अंतरिक्ष से संबंधित हर विषय की बारीकी से जानकारी विद्यार्थियों को दी जाएगी। पहले वर्ष 20 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। कोर्स में अंतरिक्ष से संबंधित सभी विषयों को समाहित किया गया है। इसमें वैकल्पिक पाठ्यक्रम भी मौजूद हैं। शोध परियोजना, स्पेस इंस्ट्रूमेंटेशन, डिटेक्टर और पेलोड, इमेजिंग और डाटा एनालिटिक्स, रिमोट सेंसिंग और वायुमंडलीय इंजीनियरिंग, खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी विषय (Research Projects, Space Instrumentation, Detectors and Payloads, Imaging and Data Analytics, Remote Sensing and Atmospheric Engineering, Astronomy and Astrophysics)का चुनाव करके विद्यार्थी विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं।
Space Technology (स्पेस तकनीकी) में करियर के लिए विकल्प
आज के समय में जिस तरह स्पेस में भीड़ बढ़ रही है, उसे देखते हुए स्पेस ला में अच्छा करियर विकल्प बन सकता है। स्पेस टूरिज्म सबसे तेजी से उभरता हुआ फील्ड है। इसमें अब कई नई प्राइवेट कंपनियां आ रही हैं। यहां पर युवाओं के लिए करियर बनाने का शानदार मौका है। आज के समय में स्पेस टूरिज्म के क्षेत्र में वर्जिन गेलेक्टिक, ब्लू ओरिजिन, ओरियन, स्पेसएक्स, ओरियन स्पैन और बोइंग जैसी कंपनियां लगी हुई हैं। इसमें सेटेलाइट, स्पेस स्टेशन, स्पेसक्राफ्ट, स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्टचर इक्विपमेंट को डिजाइन करने का कार्य किया जाता है।
स्पेस इंजीनियर का सबसे प्रमुख कार्य होता है। ये किसी भी स्पेस अभियान से जुड़े सभी इक्विपमेंट को डिजाइन करते हैं। यहां पर एयरोस्पेस, रोबोटिक्स, मटेरियल साइंस, कंप्यूटर इंजीनियरिंग के साथ ही मैकेनिकल और टेलीकाम इंजीनियरिंग जैसे कई फील्ड में इंजीनियर कार्य करते हैं। स्पेस रिसर्च में अलग-अलग फील्ड के विशेषज्ञ शामिल होते हैं। जैसे एस्ट्रोफिजिसिस्ट, बायोलाजिस्ट, बायोकैमिस्ट और बायोफिजिसिस्ट, जियोलाजिस्ट और एस्ट्रोबायोलाजिस्ट। ये सभी अपनी विशेषता के अनुसार कार्य करते हैं। आंतरिक्ष के क्षेत्र से जुड़ी गतिविधियों को नियंत्रित करने वाला ला है। इसमें देशों व कंपनियों के बीच समझौतों, संधियों, सम्मेलनों और संगठनों के नियमों की जानकारी हासिल की जाती है।