Madhya Pradesh Government employees news - bhopal Samachar karmchari
जबलपुर। पूरा 1 साल और 5 महीने बीत जाने के बावजूद जबलपुर लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए राम मोहन तिवारी, संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश नहीं किया।मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि दिनांक 12.10.2021 को संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर के प्रभारी संयुक्त संचालक राममोहन तिवारी अपने कार्यालय की चौकीदार अनीशा बाई से ₹21000/- रिश्वत की मांग कर रहे थे, चौकीदार महिला द्वारा जिसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर से की गई थी, उक्त शिकायत पर लोकायुक्त जबलपुर दल द्वारा कार्यालय के दो लिपिकों सहित प्रभारी संयुक्त संचालक लोक शिक्षण श्री राममोहन तिवारी को आरोपी बनाते हुए भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा - 7 एवं 13 (1) डी, 13 (2) के तहत् प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्तार किया जाकर मौके पर ही जमानत पर छोड़ा गया।
शिक्षा विभाग में इतने बड़े पद पर आसीन अधिकारी के भ्रष्टाचार के मामले में प्रकरण दर्ज होने के लगभग 17 माहों के बाद भी लोकायुक्त द्वारा आज दिनांक तक माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत नहीं किया गया है। शिक्षा विभाग के संभागीय स्तर के अधिकारी के भ्रष्टाचार में प्रकरण दर्ज होने के बाद भी माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत न किया जाना समझ से परे है तथा प्रदेश माननीय मुख्यमंत्री महोदय की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस नीति के भी विरूद्ध है ।
इस अवसर पर संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, एस. के. बांदिल, रजनीश तिवारी, बृजेश मिश्रा, पवन श्रीवास्तव, एस. के. त्रिपाठी, सुधीर पण्डया, चंदु जाउलकर, उमेश पारखी, विट्टू आहलूबालिया, शंकर भाई, अंकुर प्रताप सिंह, आदि ने प्रदेश के शासन को ई-मेल के माध्यम से पत्र प्रस्तुत कर मांग की है संयुक्त संचालक राममोहन तिवारी के विरूद्ध दर्ज भ्रष्टाचार के न्यायालय में चालान पेश कराने की कार्यवाही की जाव।
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