मध्य प्रदेश बजट 2023 से तृतीय वर्ग के कर्मचारी संघ नाराज, सातवां वेतनमान के भत्ते तक नहीं दिए

Bhopal Samachar
जबलपुर। मध्यप्रदेश की विधानसभा में प्रस्तुत हुए बजट 2023 से मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ नाराज है। संघ का कहना है कि पुरानी पेंशन को लेकर कुछ ना कुछ जरूर होगा लेकिन बजट में इसका जिक्र ही नहीं किया गया। सातवां वेतनमान भी अधूरा रह गया। भत्तों का कोई प्रावधान नहीं किया गया।

बजट में कर्मचारियों की कोई मांग पूरी नहीं की गई

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने बजट पर प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा कि, मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारी यह अपेक्षा कर रहे थे, पडोसी राज्यों के राजस्थान, छत्तीसगढ की सरकारों का अनुसरण करते हुए राज्य सरकार भी अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना दिनांक 31.12.2004 में स्थिति में पुनः OPS लागू करेगी, किन्तु बजट में इसका कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इसी प्रकार सातवें वेतनमान अनुसार मकान भाडा भत्ता, यात्रा भत्ता, वाहन भत्ता, में कोई बढोत्तरी तथा कर्मचारी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करना, कोरोनाकाल के महंगाई भत्ता एरियर्स का कोई प्रावधान नहीं है। 

पेंशनरो की महंगाई राहत के लिए भी कोई प्रावधान नहीं

पेंशनरों की महंगाई राहत का कोई प्रावधान नहीं है, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वृत्ति कर से मुक्त रखने जैसी कर्मचारियों की प्रमुख मांगों का कोई उल्लेख नहीं है। निर्धन से निर्धन व्यक्ति को निजी अस्पतालों में इलाज हेतु आयुष्मान कार्ड योजना का लाभ प्राप्त हो रहा है किन्तु कर्मचारियों को इससे भी वंचित रखा गया है, न तो स्वास्थ्य बीमा योजना लागू हो रही और न ही आयुष्मान कार्ड का लाभ मिल रहा है। प्रथम दृष्टया राज्य सरकार का यह बजट 2023-24 से प्रदेश के कर्मचारियों के लिए निराशा लेकर आया है। जिससे प्रदेश के निगम, मण्डल, अनुदान प्राप्त संस्था लगभग 10 लाख कर्मचारियों में रोष व्याप्त है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मिर्जा मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, मनोज सेन, आशुतोष तिवारी, दुर्गेश पाण्डे, बृजेश मिश्रा, संदीप नेमा, सुदेश श्रीवास्तव, पंकज शर्मा, आर. के. गुलाटी, श्यामनारायण तिवारी, मो० तारिख, धीरेन्द्र सोनी, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, महेश कोरी, नितिन शर्मा, प्रणव साहू, राकेश पाण्डे, विनय नामदेव, प्रियांशु शुक्ला, आदित्य दीक्षित, विजय कोष्टी, अभिषेक मिश्रा, सोनल दुबे, देवदत्त शुक्ला, ब्रजेश गोस्वामी, संतोष तिवारी, पवन ताम्रकार आदि ने माननीय मुख्यमंत्री म.प्र शासन से मांग की है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कर्मचारी के साथ छलाबा बन्द करते हुए ओ. पी. एस योजना लागू की जाये, सातवें वेतनमान के अनुसार भत्तों का पुनः निर्धारित किये जाये अन्यथा संघ राज्य व्यापी आन्दोलन हेतु वाध्य होगा। 

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