भारत में सबसे ज्यादा संख्या में लोग नवरात्रि का व्रत करते हैं। कई लोग कठोर तप करते हैं लेकिन ज्यादातर लोग 9 दिनों तक फलाहार करते हैं। नवमी तिथि पर और कुछ लोग विजयदशमी के दिन विसर्जन करके अपना व्रत एवं उपवास खोलते हैं। इस दिन कई लोग बड़ी गलती कर जाते हैं और इसके कारण वह बीमार हो जाते हैं। इसलिए बहुत जरूरी है कि 9 दिनों का उपवास खोलते समय संयम एवं नियम का ध्यान पूर्वक पालन किया जाए।
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संकल्प पूर्ण होने का मतलब यह बिल्कुल नहीं होता कि भारी मात्रा में गरिष्ठ भोजन किया जाए। नवरात्रि का उपवास फलों का जूस, नारियल पानी, नींबू जैसी हल्की लिक्विड डाइट से खोलना चाहिए। कुछ घंटे बाद हल्का भोजन और दूसरे दिन सामान्य भोजन करना चाहिए। यदि अचानक मिर्च मसाले वाला गरिष्ठ भोजन कर लिया तो आप के 9 दिन के उपवास का सत्यानाश हो जाएगा। ना केवल पेट खराब होगा बल्कि शरीर में संक्रमण की संभावना बढ़ जाएगी।
यदि नवरात्रि उपवास के तत्काल बात लजीज व्यंजन खाए तो क्या होगा
जब हमने बहुत दिनों तक भोजन नहीं किया होता या कम मात्रा में ग्रहण (फलाहार) करते हैं, तो हमारे पाचन तंत्र का कार्य करने का लय, ताल सब धीमा हो जाता है। इसलिए उसी को ध्यान में रखते हुए अब हमें हल्के भोजन या जूस से शुरुआत करके भारी अनाज वाले भोजन तक जाना चाहिए।
9 दिन उपवास के बाद जूस क्यों पीना चाहिए
यदि आपने कभी सोचा कि किसी की भूख हड़ताल जब खत्म करवाई जाती है तो उसे जूस क्यों पिलाया जाता है, तो शायद आप इस बात को अच्छी तरह समझ पाएंगे। क्योंकि सबसे पहले हमें एनर्जी CARBOHYDRATE से मिलती है, जो कि GLOCOSE के रूप मे FRUIT JUICE में उपस्थित होता है। यह सीधा हमारे रक्त (blood) में मिल जाता है और तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसके बाद प्रोटीन, फैट आदि एनर्जी देते हैं।
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