ख्वाजा शब्द तो अपन सब ने सुना ही है। इसका अर्थ माना जाता है स्वामी, मालिक, सरदार, महात्मा एवं मास्टर आदि, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं किस ख्वाजा किस भाषा का शब्द है और भारत देश का क्या कनेक्शन है। आइए आज ख्वाजा शब्द की उत्पत्ति की कहानी पढ़ते हैं:-
ख्वाजा किस भाषा का शब्द है
कुछ लोग कह सकते हैं कि ख्वाजा उर्दू भाषा का शब्द है परंतु यह सही नहीं है। ख्वाजा मूल रूप से फारसी भाषा का शब्द है। मुगल साम्राज्य के दौरान ख्वाजा शब्द का काफी उपयोग किया गया और उसके बाद सारी दुनिया में इससे मिलते-जुलते शब्दों की उत्पत्ति हुई। ख्वाजा मूल रूप से एक उपाधि है जो लोकप्रियता नहीं बल्कि योग्यता के आधार पर प्राप्त की जाती थी।
ख्वाजा शब्द का भारत से संबंध
फारसी साहित्य में उनके भारत के संपर्क में आने से पहले ख्वाजा शब्द का कभी उपयोग नहीं किया गया। भारत के भाषा विशेषज्ञों का दावा है कि ख्वाजा शब्द भारत के उपाध्याय शब्द से उत्पन्न हुआ है। उपाध्याय, भारत के गुरुकुल में शैक्षणिक श्रेणी का पद नाम है। वह शिक्षक जिसे वेद और व्याकरण की विशेषज्ञता प्राप्त हो, उपाध्याय कहा जाता था। आध्यात्मिक गुरु अथवा आध्यात्मिक मार्गदर्शक को भी उपाध्याय कहा जाता था। फारसी विद्वानों ने देखा कि, उनके पास उपाध्याय पदनाम के समकक्ष कोई पदनाम नहीं है। लंबी प्रक्रिया के बाद उन्होंने अपने आध्यात्मिक गुरु अथवा मार्गदर्शक को ख्वाजा नाम दिया। यह मूल रूप से संस्कृत भाषा से पैदा हुआ है।
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