जबलपुर। कई बार अधिकारी खुद को शिवगामी और अपने कर्तव्य क्षेत्र को माहिष्मती समझ बैठते हैं। छिंदवाड़ा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जनपद पंचायत के रिटायर्ड सीईओ को रिटायरमेंट के 2 साल बाद व्हाट्सएप पर रिकवरी का वारंट भेज दिया। धमकी दी कि यदि आदेश का पालन नहीं किया तो जेल भेज देंगे। जबलपुर कमिश्नर ने न केवल उस आदेश को निरस्त किया बल्कि पूरा केस ही खारिज कर दिया।
सीईओ ने व्हाट्सएप मैसेज किया- 30 दिन में पैसा जमा करो नहीं तो जेल भेज देंगे
मूलत: छिंदवाड़ा निवासी अजीत मिश्रा वर्ष 2014 से 2017 तक नैनपुर जनपद पंचायत में सीईओ के पद पर पदस्थ थे, जिसके बाद वे सेवानिवृत्त हो गए। अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता सुशील मिश्रा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि सीईओ जिला पंचायत द्वारा अजीत मिश्रा सहित आठ लोगों के विरुद्ध रिकवरी निकाली गई थी। उन्होंने दलील दी कि इस मामले में उनके पक्षकार को नोटिस नहीं दिया गया। सेवानिवृत्ति के बाद जब वे अपने पैत्रक गांव छिंदवाड़ा पहुंचे तो दो साल बाद 2019 में उन्हें व्हाट्सएप पर सूचना दी गई कि वे 30 दिन में रिकवरी की राशि जमा करें वरना उनके खिलाफ सिविल जेल की कार्रवाई की जाएगी।
अधिवक्ता मिश्रा ने दलील दी कि जिस धारा के तहत अपीलार्थी के खिलाफ कार्रवाई की गई, वे उस परिधि में नहीं आते हैं। संभागायुक्त कोर्ट ने पहली ही सुनवाई में न केवल जिला पंचायत सीईओ द्वारा जारी अनुचित आदेश को निरस्त कर दिया बल्कि यह व्यवस्था भी दे दी कि यह प्रकरण इसी स्तर पर समाप्त किया जाता है। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।