भारत की सबसे क्लीन सिटी इंदौर में सड़कों की सफाई तो हर रोज होती है लेकिन सिस्टम में इतनी शिकायतें पेंडिंग है कि बदबू आने लगी है। अकेले सीएम हेल्पलाइन की 10,000 से ज्यादा शिकायत में पेंडिंग चल रही है। इस सिस्टम को सुधारने के लिए कोई अभियान शुरू नहीं किया गया।
कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी द्वारा शनिवार को सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों की समीक्षा की। इस बैठक में पता चला कि, टॉप 10 मेजर डिपार्टमेंट में नगरीय एवं आवासीय विभाग की 3307, गृह विभाग की 3260, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक विभाग की 948, परिवहन विभाग की 841, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की 890, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की जननी सुरक्षा योजना की 81, राजस्व विभाग की 461 शिकायतें, ऊर्जा विभाग की 555 एवं खाद्य विभाग की 78 शिकायतें पेंडिंग है। अधिकारी लंबे समय से इनका समाधान नहीं कर रहे हैं।
कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिया कि नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा प्रतिदिन 250 शिकायतों का निराकरण किया जाए। वास्तविकता यह है कि यदि शिकायत निवारण शिविर लगा दिया जाए तब भी 1 दिन में 250 शिकायतों का निवारण नहीं हो सकता। यदि कर्मचारी इतने ही फुर्तीले होते तो शिकायतें क्यों आती। जिस प्रकार कुछ सालों पहले इंदौर में एक कलेक्टर आया था और उसने सफाई का ऐसा अभियान चलाया की सफाई इंदौर की पहचान और आदत दोनों बन गई है। ठीक इसी प्रकार इंदौर के सिस्टम को ठीक करने के लिए भी एक ऐसे कलेक्टर की जरूरत है जिसमें कुछ कर दिखाने का जुनून लो।
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