True success story of aditya Kalsha Jabalpur GATE-2023 9th RANK
यह कहानी मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में रहने वाले आदित्य कलशा की है। 26 साल के आदित्य ने पिछले साल जब पहली बार GATE दिया तो उनका नाम 445 नंबर पर था। दूसरे शब्दों में इसे फेल हो जाना कहते हैं। आदित्य ने सेकंड अटेम्प्ट की तैयारी की और इस बार आदित्य ऑल इंडिया 9th रैंक पर है। आइए जानते हैं कि आदित्य ने 1 साल में ऐसी क्या पढ़ाई करी जो 445 से 9 रैंक पर आ गया।
GATE 9th RANK के कारण आदित्य को DRDO से जॉब ऑफर
ग्रैजुएट एटीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग, भारत की प्रतिष्ठा पूर्व परीक्षा है। कैरियर की दृष्टि से इसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। 9 रैंक प्राप्त करने के कारण आदित्य को डीआरडीओ ने साइंटिस्ट के पद पर जॉब ऑफर की है। घर में खुशी का माहौल है और हर तरफ आदित्य की सफलता की चर्चा है परंतु सबसे इंपोर्टेंट बात यह है कि आदित्य ने फर्स्ट से सेकंड अटेम्प्ट के बीच अपनी पढ़ाई में ऐसा कौन सा चेंज किया जिसके कारण वह टॉपर बन गया।
आदित्य ने बिना टाइम टेबल के GATE टॉप किया
आदित्य बताते हैं कि उन्होंने किसी के बताए हुए पैटर्न को फॉलो नहीं किया बल्कि अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ के बेस पर पढ़ाई की है। आदित्य का कहना है कि सेल्फ स्टडी उनके हिसाब से सबसे अच्छा तरीका है। कोई टाइम टेबल नहीं बनाया था लेकिन पढ़ाई करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। जब माइंड रिलैक्स हुआ, जैसे ही टाइम मिला वैसे ही पढ़ने बैठ गया। पिछले डेढ़ सालों में फैमिली और फ्रेंड्स को केवल उतना ही समय दे पाया जितना बहुत जरूरी था।
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