गेहूं और चावल में क्या अंतर है, डायबिटीज में केवल चावल क्यों बंद करते हैं, गेहूं क्यों नहीं- GK Today

Bhopal Samachar
गेहूं और चावल सारी दुनिया की दो सबसे महत्वपूर्ण फसलें हैं। दुनिया की 90% आबादी का मुख्य भोजन गेहूं अथवा चावल है। कुछ लोग कहते हैं कि गेहूं ज्यादा ताकतवर होता है जबकि कुछ कहते हैं कि गेहूं आलस पैदा करता है। कुछ लोग कहते हैं चावल फायदेमंद है जल्दी पच जाता है और कुछ लोग कहते हैं कि चावल के कारण ओवर ईटिंग होती है और वह मोटापे का कारण होती है। यदि किसी को डायबिटीज हो जाए तो कहते हैं कि चावल खाना बंद कर दो। सवाल यह है कि जब गेहूं और चावल दोनों में बराबर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है तो फिर डायबिटीज में केवल चावल खाने से मना क्यों किया जाता है। आइए इस उलझन को सुलझाते हैं:- 

डायबिटीज के मरीजों को चावल खाने से क्यों मना किया जाता है

श्री शैलेंद्र सिंह, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी रहे हैं। रांची झारखंड में रहते हैं और पशु कल्याण विभाग में नौकरी करते हैं परंतु इनकी पहचान कृषि के विषय पर विशेषज्ञ लेखक के रूप में ज्यादा है। श्री सिंह बताते हैं कि, यह बिल्कुल सही बात है कि गेहूं और चावल में बराबर कार्बोहाइड्रेट होता है परंतु गेहूं को पचने में समय लगता है और चावल तेजी से पचता है। इसके कारण चावल का कार्बोहाइड्रेट फटाफट खून में शामिल हो जाता है और ब्लड ग्लूकोस बढ़ा देता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को चावल खाने से मना किया जाता है। 

गेहूं और चावल में क्या अंतर है 

  • एक फसल के रूप में चावल उष्णकटिबंधीय फसल है जबकि गेहूं सर्दियों की फसल है। 
  • गेहूं को पचने में समय लगता है जबकि चावल फटाफट पच जाता है। 
  • 100 ग्राम गेहूं की रोटी, 100 ग्राम चावल की तुलना में ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न करती है। 
  • गेहूं में फाइबर की मात्रा अधिक होती है चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है। 
  • गेहूं में कार्बोहाइड्रेट के अलावा मिनरल्स और विटामिंस, चावल की तुलना में ज्यादा होते हैं। 
  • 100 ग्राम गेहूं में 339 कैलोरी होती है जबकि 100 ग्राम चावल में 130 कैलोरी होती है। 
  • गेहूं में कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है, चावल में कैल्शियम की मात्रा बहुत कम होती है। 
  • गेहूं में आयरन की मात्रा 30% होती है जबकि चावल में 2% आयरन होता है। 
  • 100 ग्राम गेहूं में 13 ग्राम प्रोटीन जबकि चावल में 3 ग्राम प्रोटीन मिलता है। 
  • 100 ग्राम गेहूं में 2 ग्राम फैट जबकि चावल में 0.2 फैट होता है। 
  • 100 ग्राम गेहू मैं 12 ग्राम फाइबर जबकि चावल में 0.4 ग्राम फाइबर होता है। 
  • गेहूं की रोटी से भरपेट भोजन करने पर आलस उत्पन्न होता है जबकि चावल खाने से आलस नहीं आता। 
  • गेहूं में विटामिन बी कांपलेक्स पाया जाता है, चावल में ना के बराबर होता है। 
  • गेहूं की तुलना में चावल जल्दी पच जाता है इसलिए दोबारा भूख लगती है। ज्यादा खाने से वजन बढ़ता है।
  • विशेष नोट:- सभी आंकड़े लगभग में है ताकि समझने में आसान रहे

वजन घटाने और वजन बढ़ाने के लिए गेहूं और चावल में से क्या खाएं

जो लोग वजन घटाना चाहते हैं उन्हें गेहूं की रोटियां खाकर फिजिकल करना चाहिए। वर्कआउट या घर का कोई भी काम, बस आराम नहीं करना चाहिए और जो लोग वजन बढ़ाना चाहते हैं उन्हें चावल खाने के बाद आराम करना चाहिए। वैसे यह कोई 100% गारंटी वाला नुस्खा नहीं है। हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है और उसकी शारीरिक संरचना के कारण उसके दुबले पतले होने या मोटे होने का निर्धारण होता है।

सबसे मजेदार बात यह है कि दुनिया भर में गेहूं और चावल का उत्पादन लगभग एक साथ 7000 साल पहले शुरू हुआ था। दोनों अलग-अलग जलवायु में पैदा होने वाली फसलें हैं और दोनों की विशेषताएं भी अलग-अलग है। आजकल ट्रांसपोर्टेशन आसान हो जाने के कारण पृथ्वी के कई हिस्सों में गेहूं और चावल समान रूप से उपलब्ध हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में प्रत्येक मनुष्य को अपने शरीर की जरूरतों के हिसाब से चुनाव करना चाहिए और हां डायबिटीज के मरीजों को सच में चावल नहीं खाना चाहिए। 

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