आज की तारीख में दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा दुबई में स्थित है। इसकी ऊंचाई 2717 फीट है। भारत की सबसे ऊंची इमारत वर्ल्ड वन मुंबई में स्थित है और इसकी ऊंचाई 919 फीट है। सवाल यह है कि हम पृथ्वी पर अधिकतम कितनी ऊंची इमारत बना सकते हैं और क्या कोई ऐसी बिल्डिंग बनाई जा सकती है जो आसमान तक पहुंच जाए। आइए जानते हैं:-
दुनिया की सबसे ऊंची रेजिडेंशियल बिल्डिंग
यह तो हम सभी जानते हैं कि दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा दुबई में स्थित है। इसकी ऊंचाई 2717 फीट यानी 828.1416 मीटर है। 1 किलोमीटर में 1000 मीटर होते हैं। बुर्ज खलीफा की ऊंचाई 1 किलोमीटर भी नहीं है लेकिन सन 2010 से लेकर आज तक यह दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग है। दूसरे नंबर पर शंघाई टावर का नाम आता है जो चीन में स्थित है और इसकी ऊंचाई 2,073 फीट है। यानी बुर्ज खलीफा से 644 फीट कम है। यह नोट करने वाली बात है कि सन 2010 से लेकर आज तक दुनिया के कई देशों ने बुर्ज खलीफा से बड़ी बिल्डिंग बनाने की कोशिश की परंतु वह सफल नहीं हो पाए।
क्या पृथ्वी से आसमान तक रेजिडेंशियल बिल्डिंग बनाई जा सकती है
अब सवाल उठता है कि पृथ्वी पर कुल कितनी ऊंची रेजिडेंशियल बिल्डिंग बनाई जा सकती है और क्या कोई ऐसी बिल्डिंग बनाई जा सकती है जो आसमान तक पहुंच जाए। इस सवाल का जवाब हजारों सालों से तलाशा जा रहा है। दुनिया के कई महान राजाओं ने इस प्रकार की कल्पना की थी, लेकिन आज तक सफल नहीं हो पाए। आइए कुछ कैलकुलेशन करते हैं। पृथ्वी से आकाश की दूरी 19.6 किलोमीटर है। यानी यदि हम 20 किलो मीटर ऊंची बिल्डिंग बना पाते हैं तो उसकी छत पृथ्वी के बाहर निकल जाएगी। इस बिल्डिंग में लगी हुई लिफ्ट के सहारे हम आसमान में पहुंच जाएंगे लेकिन फिलहाल यह संभव नहीं है।
पृथ्वी पर कितनी ऊंची रेजिडेंशियल बिल्डिंग बनाई जा सकती है
दुनिया भर में बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के लिए जो मटेरियल उपलब्ध है उसका उपयोग करके हम अधिकतम 3.50 किलो मीटर ऊंची बिल्डिंग बना सकते हैं परंतु यह भी संभव नहीं है क्योंकि डेढ़ किलो मीटर की ऊंचाई पर जाने के बाद ना केवल ऑक्सीजन लगभग खत्म हो जाती है बल्कि हवा की गति इतनी तेज हो जाती है कि किसी बिल्डिंग का खड़े रहना असंभव है। फिलहाल हमारे पास ऐसी कोई तकनीक नहीं है।
बुर्ज खलीफा का रिकॉर्ड आज तक कोई तोड़ नहीं पाया
अब सवाल उठता है कि क्या 1.50 किलोमीटर ऊंची बिल्डिंग बनाई जा सकती है। तो इसका जवाब भी फिलहाल ना ही है क्योंकि 1 किलोमीटर की ऊंचाई के ऊपर ऑक्सीजन लेवल बहुत कम हो जाता है। रेजिडेंशियल बिल्डिंग में यदि कोई व्यक्ति ग्राउंड फ्लोर से टॉप फ्लोर की तरफ जाएगा तो 1 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद उसका ऑक्सीजन लेवल कम हो जाएगा और वह बेहोश हो जाएगा। अब ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ लोग थोड़ी देर के लिए घूमने तो जा सकते हैं परंतु आवास नहीं कर सकते। यानी रेजिडेंशियल बिल्डिंग नहीं बनाई जा सकती अलबत्ता कोई टावर जरूर बनाया जा सकता है जिस पर किसी का आना जाना ना हो। यही कारण है कि दुनिया में आज तक बुर्ज खलीफा से ऊंची बिल्डिंग बनाने का प्रोजेक्ट कोई लॉन्च नहीं कर पाया।
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