GK Today- अधिवक्ता या वकील क्या होता है, उसकी परिभाषा, क्या काम करता है

Amazing facts in Hindi about advocate

फिल्मों में, टीवी सीरियल में और रियल लाइफ में आपने कई वकील देखे होंगे। उनकी एक विशेष यूनिफार्म होती है। दूर से काला कोट-पेंट और सफेद शर्ट दिखाई देती है। जो कोर्ट में क्लाइंट की तरफ से केस लड़ता है, लेकिन सवाल यह है कि क्या कोई व्यक्ति काला कोट पहनकर कोर्ट में किसी भी व्यक्ति की तरफ से केस लड़ सकता है। क्या एलएलबी पास करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अधिवक्ता या वकील कहते हैं। आइए जानते हैं:- 

अधिवक्ता या वकील क्या होता है परिभाषा पढ़िए

हिंदी में अधिवक्ता, उर्दू में वकील और अंग्रेजी में Advocate उस व्यक्ति को कहते हैं जिसमें मान्यता प्राप्त कानून का कोर्स किया हो और जिसे अधिवक्ता परिषद की सदस्यता प्राप्त हो गई हो। अधिवक्ता परिषद की सदस्यता को सनद भी कहते हैं। वकील की पहचान काला कोट पेंट और सफेद शर्ट नहीं होते बल्कि इसके साथ गले में वाइट बैंड भी होता है। यदि वाइट बैंड नहीं है, तब उसे आम आदमी माना जाता है। इसका तात्पर्य होता है कि, कानून की डिग्री प्राप्त व्यक्ति को कोर्ट में प्रोफेशनल प्रैक्टिस का लाइसेंस मिल गया है। सिर्फ अधिवक्ता ही अपने क्लाइंट से फीस ले सकता है। 

वकील क्या काम करता है, क्या केवल अधिवक्ता ही कोर्ट में बहस कर सकता है

न्यायालय में किसी भी व्यक्ति की तरफ से पक्ष प्रस्तुत करने के लिए, उसे बार एसोसिएशन का सदस्य होना अनिवार्य नहीं है, कोई डिग्री डिप्लोमा भी अनिवार्य नहीं है लेकिन उसे कानून की जानकारी होना अनिवार्य है। वादी अथवा प्रतिवादी स्वयं अथवा उनके साथ कोई भी अन्य व्यक्ति न्यायालय में उनकी तरफ से पक्ष प्रस्तुत कर सकता है परंतु यह सुनिश्चित करना होता है कि वह फीस अथवा किसी भी प्रकार का लाभ लिए बिना ऐसा कर रहा है। पक्षकार से फीस लेने का अधिकार सिर्फ अधिवक्ता के पास है। 

वकील का पावर क्या होता है?

अधिवक्ता अथवा वकील अथवा एडवोकेट को कोई विशेष कानूनी अधिकार प्राप्त नहीं है परंतु उसकी नॉलेज ही उसकी ताकत होती है। जो वकील जितनी अधिक प्रैक्टिस करता है। जिस वकील के पास जितना ज्यादा अनुभव होता है। उस वकील को उतना ही पावरफुल माना जाता है। हालांकि, यह उसके वकील या बार एसोसिएशन में पुरानी सदस्यता के कारण नहीं होता बल्कि उसके अनुभव और नॉलेज के कारण होता है। 


क्या कोई वकील दूसरा काम कर सकता है? 

अधिवक्ता अधिनियम के अनुसार विधि व्यवसाय करने वाला व्यक्ति (वकील) आय प्राप्त करने के लिए कोई दूसरा काम नहीं कर सकता। ना तो कहीं नौकरी कर सकता है और ना ही कोई दूसरा व्यापार कर सकता है। दिनांक 24 जुलाई 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया कि, अधिवक्ता किसी अन्य पेशे का अभ्यास नहीं कर सकते हैं और उन्हें "किसी अन्य माध्यम से" आजीविका अर्जित करने की अनुमति नहीं है। 

वकील धोखा दे तो क्या करें? 

अधिवक्ता अधिनियम के अनुसार वकील अपने क्लाइंट को धोखा नहीं दे सकता। उसके साथ विश्वासघात नहीं कर सकता। गोपनीयता भंग नहीं कर सकता। यदि वह ऐसा करता है तो बार एसोसिएशन में उसकी शिकायत करें और अपने केस के लिए दूसरा अधिवक्ता नियुक्त करें। 

क्या वकील को पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है 

एक अधिवक्ता को कोर्ट जाते समय और कोर्ट से वापस आते समय, जब वह यूनिफॉर्म में हो उसे सिविल मामलों में गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। अलबत्ता पुलिस उसके साथ चल सकती है और जब वह घर जाकर अपनी यूनिफॉर्म उतार दे, तब उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। गंभीर स्थिति में वकील के गले में पहना जाने वाला वाइट बैंड सम्मान पूर्वक बार एसोसिएशन में जमा करवा दिया जाता है और तब उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है। कुल मिलाकर एक वकील को पैरवी करने से नहीं रोका जा सकता। ✍ एडवोकेट अजय गौतम 

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