ललित मुद्गल, शिवपुरी। सोलर सिस्टम से बिजली उत्पादन करने वाली हैदराबाद की कंपनी ग्रीन-को ने लगभग 59 करोड़ का टैक्स चोरी करने की खबर मिल रही है। शिवपुरी तहसील के बिनैगा सहित आसपास गांवों के किसानों से 2350 बीघा जमीन खरीदी। इसमें से सिर्फ 800 बीघा जमीन का डायवर्सन कराया और उसका भी शुल्क जमा नहीं किया। शेष जमीन आज भी कृषि भूमि दर्ज है। इस जमीन पर बिजली उत्पादन करके पिछले 3 साल में कंपनी ने 720 करोड रुपए की कमाई की है।
सरकार को बस स्टैंड भेजना पड़ा, बकाया की भनक ही नहीं थी
कंपनी 2019 से इस जमीन पर बिजली पैदा कर रही है,अगर कमर्शियल डायवर्सन की रकम जोडी जाए तो लगभग 59 करोड़ रुपए होती है। शिवपुरी के राजस्व का 59 करोड़ का नुकसान हो गया और शिवपुरी के प्रशासन को भनक तक नहीं है। पैसो के कमी के कारण शिवपुरी का सरकारी बस स्टैंड सरकार को बेचकर नई कलेक्ट्रेट के लिए फंड एकत्रित करना पडा है। अब आप ही इस सरकारी सिस्टम को देखे कि पैसा घर में पड़ा हो और हम हमारी सार्वजनिक संपत्ति को बेचना पड़ रहा है।
कंपनी ने 720 करोड रुपए कमा लिए लेकिन सरकार के ₹59 करोड़ नहीं दिए
ऐसा नहीं है कि कंपनी ने इस सोलर प्लांट से पैसा नही कमाया, आंकड़ा बता रहा है कि कंपनी इस प्रोजेक्ट से 240 करोड़ रुपए सलाना की आय हो रही है और कंपनी पिछले 3 साल से यह काम कर रही है। अगर इस हिसाब को समझे तो 3 साल में कंपनी ने 720 करोड़ रुपए शिवपुरी से कमा लिया, लेकिन कमर्शियल डायवर्सन न कराकर सरकार को 59 करोड़ रुपए का चूना लगाने का प्रयास कर रही है।
Greenko Hyderabad ने टोटल 2300 बीघा जमीन खरीदी है
शिवपुरी के बिनैगा सहित आसपास गांवों भैसाना, जसराजपुर, गुगरीपुरा और अमर खोआ में हैदराबाद की कंपनी किसानों से जमीन खरीदकर सोलर प्लांट लगाया है, इसमे सोलर से बिजली का उत्पादन किया जाता है। जानकारी मिल रही है कि इसमें से 1250 नंबर पर लोकायुक्त का प्रकरण चल रहा है 1250 नंबर का 350 बीघा है। इसमें से 1900 बीघा पर कंपनी ने 2019 में सोलर प्लांट लगाकर बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया था। कंपनी का यह सोलर प्लांट 180 मेगावाट का क्षमता का है। यह प्लांट अपनी पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन करते हुए 240 करोड़ रूपए से अधिक कीमत की बिजली का उत्पादन करता है। 2019 से शुरू हुए इस सोलर प्लांट ने 720 करोड से अधिक का बिजली का उत्पादन किया है।
1100 बीघा जमीन का कार्मिशियल डायवर्सन बाकी है
जानकारी मिल रही है कि कंपनी ने इस 1900 बीघा जमीन में से 800 बीघा का कमर्शियल डायवर्सन कराया था। बची 1100 बीघा जमीन अभी भी कृषि भूमि में दर्ज है। 800 बीघा का कमर्शियल डायवर्सन कंपनी ने 2019 में जमा कराया था। इसके बाद 2020-21,2021-22 ओर 2022-2023 का कार्मिशियल डायवर्सन का टैक्स कंपनी ने जमा नहीं कराया है। अगर कार्मिशियल डायवर्सन टैक्स की बात करे तो 44 रुपए प्रति मीटर का शुल्क है और 1 बीघा में 20 हजार मीटर होते है अर्थात 1 बीघा का 88 हजार रुपए प्रति साल डायर्सन का टैक्स है।
Greenko Hyderabad ने 800 बीघा का डायवर्सन टैक्स भी जमा नहीं किया
कंपनी ने 800 बीघा का पिछले 3 साल से कॉमिर्शियल डायवर्सन टैक्स जमा नहीं किया है। अगर इस रकम को जोडे 800 बीघा का प्रति वर्ष 70,400,000 रूपए होता है। इस अगर इनको तीन साल में कन्वर्ट करे तो 21 करोड़ रुपए बकाया हैदराबाद की की ग्रीन-को कंपनी पर प्रशासन का शेष है।
1100 बीघा कृषि भूमि में बिजली पैदा कर रहे हैं
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस 1900 बीघा के प्रोजेक्ट से कंपनी ने 1100 बीघा का कार्मिशियल डायर्सन अभी तक नहीं कराया है। कंपनी पिछले 3 वर्ष से इस जमीन से पैसा पैदा कर रही है,और प्रोजेक्ट शुरू किया है 4 साल पहले,नियमानुसार कंपनी को इस 1100 बीघा का पहले कार्मिशियल डायवर्सन करना था उसके बाद इस पर प्लांट की प्लेट लगाकर बिजली उत्पन्न करना था। अगर 88 हजार रुपए प्रति बीघा से इस भूमि की डायवर्सन शुल्क जोडे तो 1100 बीघा का प्रतिवर्ष 96,800,000 रूपए होता है और 4 साल में इस रकम को कनवर्ड करे तो 38 करोड़ 72 लाख रुपए होता है अब इस पर पेनल्टी अलग से लगेगी।
अगर इस आंकड़े को जोड़ा जाए तो 59 करोड़ रुपए होते है जो कंपनी से प्रशासन को लेना बकाया है। शिवपुरी की नई कलेक्ट्रेट के लिए सरकारी को शिवपुरी का बस् स्टेंड बेचना पड रहा है उधर 59 करोड रुपए कंपनी से लेने है।
इस मामले में आधिकारिक जानकारी के लिए जब रविन्द्र एन तत्कालीन प्रोजेक्ट हैड सोलर बिजली प्लांट शिवपुरी को फोन लगाया तो उन्होंने बताया कि वह अब शिवपुरी के प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर रहे हैं और उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। श्री रविंद्र एन से आज की तारीख में अधिकृत व्यक्ति के बारे में जानकारी मांगी परंतु उन्होंने नहीं दी।
हम पूरे टैक्स की वसूली करेंगे: कलेक्टर
कृषि भूमि पर बिना कमर्शियल डायवर्सन कराए यदि बिजली उत्पादन लिया जा रहा है तो यह गलत है। इस मामले में निर्देश देकर ऐसे खसरों की विधिवत जांच कराएंगे। मामले में कमर्शियल शुल्क और भू-भाटक नियम अनुसार जमा कराने की कार्रवाई करेंगे। रविंद्र कुमार चौधरी, कलेक्टर शिवपुरी
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