ग्वालियर। सिकेन्द्र कुमार यादव निवासी बिहार की गिरफ्तारी और बयान के साथ यह तो बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि, पूरा गिरोह काम कर रहा है और रैकेट इतना निश्चिंत था कि रैकेट का कोऑर्डिनेटर अपनी बहन को ले आया था। मामले की तत्काल निष्पक्ष जांच जरूरी है। ग्वालियर पुलिस को फ्री हैंड दिया जाना जरूरी है, क्योंकि 25 में से सिर्फ दो पकड़े गए हैं। इनके पकड़े जाने के पीछे कोई दूसरा कारण तो नहीं है।
यहां नोट करने वाली बात है कि मुरार स्थित विजयाराजे सिंधिया कन्या महाविद्यालय में बिहार के परीक्षार्थी सुधीर कुमार महतो की जगह सिकेन्द्र कुमार यादव निवासी बिहार परीक्षा दे रहा था। वह अब तक दो पेपर सफलतापूर्वक दे चुका था। तीसरे पेपर में केन्द्राध्यक्ष ने पकड़ा है। उपरोक्त जानकारी सामान्य नहीं है। इसमें काफी कुछ असामान्य है। किसी और की नजर क्यों पड़ी, केंद्र अध्यक्ष ने क्यों पकड़ा, पिछले दो पेपरों में क्यों नहीं पकड़ा, क्या दावे के साथ कहा जा सकता है कि यही अकेला था। क्या पूरे केंद्र की छानबीन की गई है।
गिरफ्तार किए गए युवक ने अपने बयान में बताया था कि वह कुल 25 लोग हैं। अभी तक मात्र एक लड़का और एक लड़की पकड़े जाएंगे, जबकि 3 पेपर हो चुके हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि जो डील हुई थी उसमें कोई गड़बड़ी हो गई है। इसके चलते पार्टी पर दबाव बनाने के लिए दो पेपरों में 2 नकली परीक्षार्थियों को पकड़ा गया।
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