GWALIOR BEd EXAM घोटाला- रैकेट को बचाने के लिए कहानी बदल दी, निष्पक्षता और निष्ठा पर प्रश्नचिन्ह

Bhopal Samachar
ग्वालियर। BEd परीक्षा घोटाले में रैकेट को बचाने के लिए पूरी कहानी बदल दी गई है। इस मामले से जुड़े पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की निष्पक्षता और निष्ठा पर प्रश्नचिन्ह उपस्थित हो गया है। पहले बताया गया था कि, सिकेंद्र कुमार ने अपने बयान में कहा है कि कुल 25 लोग आए हैं। अब बताया जा रहा है कि उसके दोस्त की शादी थी इसलिए वह पेपर देने आ गया था। 

बिहार से कुल 25 लोग किसी दूसरे परीक्षार्थी की जगह पेपर देने के लिए आए हैं

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में परीक्षाओं में होने वाले घोटालों में बिहार के शिक्षा माफिया का कनेक्शन हमेशा मिलता है। केवल व्यापम से लेकर अन्य भर्ती परीक्षाएं नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी और कॉलेज की परीक्षाओं में भी बिहार के शिक्षा माफिया का कनेक्शन मिला है। ग्वालियर में BEd परीक्षा के दौरान पूजा और सिकेंद्र के पकड़े जाने के बाद खुलासा हो गया था कि बिहार से कुल 25 लोग किसी दूसरे परीक्षार्थी की जगह पेपर देने के लिए आए हैं, लेकिन जैसे ही भोपाल समाचार डॉट कॉम ने शेष 23 लोगों की तरफ फोकस करना शुरू किया, अचानक कहानी बदल दी गई। 

सिकेंद्र, पेशेवर सॉल्वर है, रट्टा मार कर पेपर देता है

आजा कहानी में बताया जा रहा है कि पकड़ा गया सिकेंद्र और असली परीक्षार्थी सुधीर कुमार महतो आपस में पुराने दोस्त हैं। सुधीर की शादी थी इसलिए सिकेंद्र परीक्षा देने के लिए आ गया था। एक तरफ बताया जा रहा है कि दोनों पुराने पक्के दोस्त हैं और दूसरी तरफ इसी कहानी में यह भी बताया जा रहा है कि, सिकेंद्र ने सुधीर की जगह पेपर देने के लिए ₹5000 लिए हैं। आने-जाने, रहने और खाने का खर्चा अलग से मिला है। वह ग्रेजुएट है और रखता मार्केट परीक्षा देता है। यानी पेशेवर सॉल्वर है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सिकेंद्र यादव उसका असली नाम नहीं है। नोट करने वाला बिंदु है कि अब तक पुलिस ने उसका असली नाम पता नहीं लगाया है। 

✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!