Female employee, maternity leave, allahabad High Court decision
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महिला कर्मचारी के मातृत्व अवकाश से संबंधित एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय ने कहा कि प्रसव के बाद अर्थात शिशु के जन्म के बाद भी महिला कर्मचारी का मातृत्व अवकाश का अधिकार बना रहता है। शिशु का जन्म हो जाने से मातृत्व अवकाश का अधिकार समाप्त नहीं हो जाता।
एटा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा एक महिला प्रधानाध्यापक के मातृत्व अवकाश स्वीकृत करने से इंकार कर दिया गया था। तर्क दिया गया था कि, मातृत्व अवकाश प्रसव की प्रक्रिया के लिए निर्धारित किया गया है और शिशु के जन्म के बाद यह अवकाश स्वीकृत नहीं किया जा सकता। महिला शिक्षक ने इसके खिलाफ अभ्यावेदन प्रस्तुत किया परंतु जब शासन स्तर पर मामले का निराकरण नहीं हुआ तो महिला कर्मचारी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के विद्वान न्यायाधीश श्री आशुतोष श्रीवास्तव की एकल पीठ ने निर्धारित किया कि शिशु के जन्म के बाद भी महिला कर्मचारी को मातृत्व अवकाश का अधिकार प्राप्त रहता है और हिला कर्मचारी चाहे तो मैटरनिटी लीव और चाइल्ड केयर लीव का उपयोग एक साथ कर सकती है। इस आदेश के साथ ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का आदेश निरस्त कर दिया गया और महिला प्रधानमंत्री को वेतन अदा करने के आदेश दिए गए।
✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है। यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं।