Provision of legal action against messages causing tension
व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर भी इस प्रकार के मैसेज वायरल होते रहते हैं। यह मैसेज 10 लोगों को भेजो नहीं तो अनहोनी हो जाइए। 24 घंटे में गुड न्यूज़ चाहिए तो यह मैसेज 10 लोगों को फॉरवर्ड कीजिए या फिर किसी भी प्रकार की कसम देकर, प्रलोभन देकर, डर दिखाकर या किसी भी दूसरे प्रकार से मैसेज को फॉरवर्ड करने के लिए दबाव बनाया जाता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि, आईपीसी के तहत यह भी एक अपराध है।
आईपीसी की धारा 508 गिरफ्तारी, जमानत, सजा और समझौता के प्रावधान
यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की जानकारी अथवा संदेश के माध्यम से भ्रम पैदा करता है। लोगों के लिए तनाव का कारण बनता है तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 508 के तहत पुलिस थाने में आपराधिक मामला दर्ज करने का प्रावधान है। IPC की धारा 508 का अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय है। इसमें गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं होती और पुलिस थाने से जमानत की प्रक्रिया पूरी हो जाती है। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस अपराध के लिए अधिकतम एक वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 508 का अपराध एक शमनीय अपराध है जानिए
दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 320 की उपधारा (1) के अनुसार देवी अप्रसाद का भाजन कराके किसी व्यक्ति को उत्प्रेरित करने के का अपराध एक समझौता योग्य अपराध हैं इसका समझौता बिना न्यायालय की आज्ञा अर्थात न्यायालय के बाहर ही किया जा सकता है उस व्यक्ति से किया जा सकता है जिसे उत्प्रेरित किया गया है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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