अक्सर इस तरह के अपराध चर्चा में बने रहते हैं। कुछ बदमाश लोग महिलाओं की संवेदनशीलता का फायदा उठाते हुए या फिर उन्हें उनके पति के खिलाफ भड़काकर, अथवा कोई सपना दिखाकर, फुसलाकर अपने साथ ले जाते हैं और फिर उसे बंधक बना लेते हैं। उसकी स्वतंत्रता को बाधित कर देते हैं और इस दौरान उसके साथ फिजिकल रिलेशन भी बनाते हैं। आइए जानते हैं इस प्रकार के लोगों के खिलाफ कौन सी धारा के तहत मामला दर्ज किया जाता है।
आईपीसी की धारा 498- गिरफ्तारी, जमानत, सजा और समझौता का प्रावधान
किसी भी व्यक्ति की पत्नी को उसकी अनुमति के बिना अपने साथ ले जाना, स्त्री की स्वतंत्रता को बाधित कर देना, बंधक बना लेना, संबंध बनाना इत्यादि की स्थिति में अपराधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 498 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध है। इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस अपराध के लिए अधिकतम दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 498 का अपराध एक शमनीय अपराध है जानिए
दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा(1) के अनुसार किसी की स्त्री को बहला फुसलाकर कर ले जाने का अपराध एक समझौता योग्य अपराध हैं इसका समझौता बिना न्यायालय की आज्ञा अर्थात न्यायालय के बाहर ही किया जा सकता है इस अपराध का समझौता उस स्त्री के पति से या उस स्त्री से किया जा सकता है जिसे बहला फुसलाकर ले जाया गया था। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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