कई बार लोग बदनाम करने की धमकी देकर दबाव बनाते हैं। ब्लैकमेल करते हैं। कभी-कभी कुछ अपराधी मानसिकता के लोग मारपीट करने, शारीरिक क्षति करने अथवा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धमकी देते हैं। आइए जानते हैं कि इस प्रकाश की धमकी देने वाले के खिलाफ क्या पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया जा सकता है और यदि हां तो कौन सी धारा लगेगी।
आईपीसी की धारा 503 अंतर्गत गिरफ्तारी, जमानत, सजा और समझौता के प्रावधान
किसी भी प्रकार की धमकी देकर किसी व्यक्ति को अवैध कार्य के लिए प्रेरित करना भारतीय दंड संहिता की धारा 503 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
- यह अपराध असंज्ञेय एवं जमानतीय अपराध है इनकी सुनवाई किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है।
- भारतीय दण्ड संहिता की धारा 503 के अपराध के दण्ड का प्रावधान भारतीय दण्ड संहिता की धारा 506 में किया गया है।
- इस अपराध के लिए अधिकतम दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है,लेकिन यदि धमकी मृत्यु करने की दी गई है या कोई गंभीर चोट करने की तो इसके अंतर्गत अधिकतम सात वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 506 का अपराध एक शमनीय अपराध है जानिए
दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा 320 (1) के अनुसार किसी व्यक्ति को आपराधिक धमकी देने का अपराध एक समझौता योग्य अपराध हैं इसका समझौता बिना न्यायालय की आज्ञा अर्थात न्यायालय के बाहर ही किया जा सकता है इस अपराध का समझौता उस व्यक्ति से किया जा सकता है जिसको आपराधिक धमकी दी गई है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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