उपहति का अर्थ होता हैं किसी भी व्यक्ति को चोट (hurt) करना। सामान्य शब्दों में कहे तो किसी भी व्यक्ति को ऐसी चोट पहुचाना जिसके कारण व्यक्ति को मानसिक क्षति या शारीरिक क्षति होती है तब उपहति का अपराध होता है। अगर व्यक्ति को गंभीर मानसिक या शारीरिक क्षति होती है तब यह घोर उपहति का अपराध होगा।
1. भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 321 (उपहति करना):-
जो कोई व्यक्ति जानबूझकर कर किसी व्यक्ति को सामान्य चोट पहुचायेगा या स्वेच्छा से उपहति करेगा वह उपहति के अपराध से आईपीसी की धारा 323 के अंतर्गत दण्डित किया जाएगा। जैसे कि किसी व्यक्ति को थप्पड़ मार देना।
2. भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 322 (घोर उपहति) :-
जो कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति को गंभीर चोट पहुचाता है या स्वेच्छा से घोर उपहति करता है वह आईपीसी की धारा 325 के अंतर्गत दण्डित किया जाएगा। जैसे कि बैल्ट, चेन, लाठी, डंडे आदि छोटे-छोटे हथियारों से चोट करना।
साधारण शब्दों में कहे तो किसी व्यक्ति को सामान्य चोट पहुचाना उपहति होती है और किसी व्यक्ति को गंभीर चोट करना या पहुचाना घोर उपहति होती है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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