अगर कोई व्यक्ति किसी पालतू जीव जंतु को नुकसान पहुचाता हैं या उसका वध करता है या उसे इस प्रकार मरता है जिसके कारण वह विकलांग या उसका अंग विच्छेद हो जाए तब जैसे व्यक्ति का कृत्य भारतीय दण्ड संहिता की धारा 428 के अंतर्गत अपराध होगा।
यहाँ जीव जंतु का अर्थ है किसी भी प्रकार के पालतू जानवरों (घोड़ा, गाय, भैंस, ऊंट, कुत्ता) से लेकर प्रकृति में पाए जाने वाले सभी प्रकार की स्वतंत्र जानवर, पक्षी यहां तक की चींटियां आदि से है। यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय अपराध है इनकी सुनवाई का अधिकार किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट की है। सजा इस अपराध के लिए अधिकतम दो वर्ष की कारावास या जुर्माना या दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 428 का अपराध एक शमनीय अपराध है जानिए
दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा (1) के अनुसार किसी भी प्रकार के जीवजंतु को नुकसान पहुचाने का अपराध एक समझौता योग्य अपराध हैं। इसका समझौता बिना न्यायालय की आज्ञा अर्थात न्यायालय के बाहर ही उस व्यक्ति से किया जा सकता है। जिस व्यक्ति के फालतू जीव जंतु को नुकसान पहुचाया गया है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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