भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर ऐसा होता है। कारण कुछ भी हो लेकिन कुछ लोग किसी किसान के खेत में जबरदस्ती घुस जाते हैं और फिर उत्पात मचाते हैं। उसकी फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस थाने में कौन सी धारा के तहत मामला दर्ज करवाया जा सकता है।
आईपीसी की धारा 441- गिरफ्तारी, जमानत, सजा और समझौता के प्रावधान
किसी की संपत्ति में उसकी मर्जी के बिना प्रवेश करना, उसकी संपत्ति में उत्पात मचाना। कानूनी भाषा में आपराधिक अतिचार करना कहलाता है। पुलिस थाने में इस प्रकार के अपराध को भारतीय दंड संहिता की धारा 441 के तहत दर्ज किया जाना चाहिए। यहां संपत्ति से तात्पर्य, खेत के अलावा कार, बस या अन्य किसी भी प्रकार की संपत्ति हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति ने संपत्ति के स्वामी की अनुमति से प्रवेश किया है लेकिन फिर उत्पात मचाता है तब भी आईपीसी की धारा 441 के तहत ही मामला दर्ज किया जाएगा।
यह अपराध संज्ञेय एवं जमानतीय होते हैं। पुलिस थाने में दर्ज किए जा सकते हैं। आरोपी की गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं होती। पुलिस थाने में जमानत दी जा सकती है। किसी भी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा इस प्रकार के अपराधिक मामले की सुनवाई की जा सकती है। आईपीसी की धारा 447 के तहत आपराधिक अतिचार के लिए तीन माह की कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किए जाने का प्रावधान है।
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 447 का अपराध एक शमनीय अपराध है जानिए
दण्ड प्रक्रिया संहिता,1973 की धारा(1) के अनुसार आपराधिक अतिचा एक समझौता योग्य अपराध हैं इसका समझौता बिना न्यायालय की आज्ञा अर्थात न्यायालय के बाहर ही उस व्यक्ति से किया जा सकता है जिस व्यक्ति की संपत्ति के अवैध रूप से प्रवेश कर अतिचार किया गया है। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) :- लेखक ✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद) 9827737665
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