भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश, भोपाल द्वारा साइबर क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई गई FIR की इन्वेस्टिगेशन शुरू हो गई है। पुलिस ने रायसेन और खंडवा से 2 लड़कों को गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि, दोनों ही पेपर लीक करने वाले रैकेट से कनेक्ट नहीं है परंतु यह दोनों पेपर खरीद कर दूसरे विद्यार्थियों को बेच रहे थे।
रैकेट से पेपर खरीद कर विद्यार्थियों को बेच रहे थे
डीएसपी साइबर क्राइम ने बताया कि एक लड़के ने टेलीग्राम ग्रुप पर माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश, भोपाल का लोगो लगा रखा था। इसके ग्रुप में 35000 सदस्य जुड़े हुए थे। यह एमपी बोर्ड हेल्प के नाम से बने टेलीग्राम ग्रुप से पेपर खरीद कर अपने ग्रुप में मौजूद विद्यार्थियों को बेच दिया करता था। सूत्रों ने बताया कि रायसेन से गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम कौशिक दुबे है। अब तक इन्वेस्टिगेशन में पुलिस को 4 लड़कों के नाम मिले हैं। इनमें से दो को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह लोग एक पेपर के लिए ₹600 लेते थे। सूत्रों का कहना है कि खंडवा से जो लड़का पकड़ा गया है वह तो मॉडल पेपर बीच रहा था। उसके पास लीक हुआ पेपर भी नहीं था।
मास्टरमाइंड अभी भी सुरक्षित और सक्रिय
बताया जा रहा है कि मास्टरमाइंड अभी भी सुरक्षित और सक्रिय है। कक्षा 10 हाई स्कूल एवं कक्षा 12 हाई सेकेंडरी स्कूल वार्षिक परीक्षा के पेपर लगातार लीक किए जा रहे हैं। एमपी बोर्ड की जांच में 4 परीक्षा केंद्रों के 9 अधिकारी कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया था। माना जा रहा था कि इसके बाद यह सिलसिला थम जाएगा परंतु ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। पहले की तरह पेपर आउट हुआ और खुलेआम टेलीग्राम पर बेचा गया।
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