भोपाल। यह चंबल की परंपरा है। शांतिपूर्वक मतदान के लिए प्रत्याशियों को और बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए शिक्षकों को सर्किट हाउस में नजर बंद कर दिया जाता है। शनिवार को कक्षा 12 का अंग्रेजी विषय का पेपर था इसलिए अंग्रेजी विषय से संबंधित 11 शिक्षकों को पेपर शुरू होने से लेकर पेपर खत्म होने तक सर्किट हाउस में रखा गया।
उल्लेखनीय है कि जिस प्रकार बिहार के कुछ इलाके बोर्ड परीक्षाओं में सामूहिक नकल के लिए बदनाम है ठीक उसी प्रकार मध्य प्रदेश का भिंड जिला भी बोर्ड परीक्षाओं में सामूहिक नकल के लिए बदनाम हुआ करता था। नोट करने वाली बात यह है कि, बोर्ड परीक्षा में सामूहिक नकल को सामाजिक मान्यता भी प्राप्त है। पिछले कुछ सालों से ही स्थिति में सुधार करने की कोशिश की जा रही है।
शिक्षकों को फोन करके बुलाया था, चाय नाश्ता भी दिया
शनिवार को आयोजित हुई परीक्षा में कोचिंग संचालकों और शिक्षकों को चार घंटे के लिए सर्किट हाउस में नजर बंद करके रखा गया। शहर के सर्किट हाउस पर सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तक विद्यार्थियों को नजरबंद रखा गया। शिक्षकों ने बताया कि उन्हें परीक्षा से एक दिन पहले फोन करके यह बताया गया था कि 4 मार्च को 12 वीं का इंग्लिश का पेपर है इसलिए उन्हें सुबह आठ बजे से सर्किट हाउस में बैठना है।
इन शिक्षकों को 4 घंटे सर्किट हाउस में नजरबंद किया गया
रामवीर भदौरिया, गिरीश, नितिन दीक्षित, बीएस चौहान, मनीष शर्मा, सोनू नरवरिया, आदित्य चौहान, एसबी सिंह, जेपी कुशवाहा, बीएस तोमर अंग्रेजी विषय के विशेषज्ञ शिक्षकों को नजरबंद किया गया।
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