जबलपुर। मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय ने मध्यप्रदेश शासन को निर्देशित किया है कि वह नायब तहसीलदारों के प्रमोशन मामले में 90 दिन के भीतर फैसला करे। उल्लेखनीय है कि 29 नवंबर 2016 को एक आदेश जारी हुआ था परंतु उसका पालन आज दिनांक तक नहीं हुआ। मध्य प्रदेश के 55 नायब तहसीलदारों ने उस आदेश का पालन करवाने हेतु हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल की थी।
Madhya Pradesh Government employees promotion issue
दमोह निवासी विकास चंद जैन सहित कटनी, सागर, रीवा, सिंगरौली, पन्ना, सीहोर, बुरहानपुर, उमरिया, विदिशा, छिंदवाड़ा व अन्य जिलों में नायब तहसीलदार के पद पर पदस्थ 55 अधिकारियों ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता राहुल दिवाकर ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि राज्य शासन ने 29 नवंबर, 2016 को एक आदेश जारी कर नायब तहसीलदार के प्रमोशन के लिए पांच वर्ष के अनुभव की शर्त को शिथिल करते हुए उसे तीन वर्ष कर दिया था। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग ने इस संबंध में प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी, लेकिन प्रमोशन के लिए डीपीसी नहीं की गई। इस कारण हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
High Court fix time limit
उच्च न्यायालय ने 29 नवंबर, 2016 को जारी हुए आदेश का पालन करने हेतु आदेश जारी नहीं किया, लेकिन इस मामले के निराकरण के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि मध्य प्रदेश राज्य शासन पूर्व में पारित निर्णयों व सरकार के 29 नवंबर 2016 के आदेश के परिप्रेक्ष्य में सभी याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदनों पर विचार कर उचित निर्णय पारित करे। इस पूरी कार्रवाई के लिए तीन माह की समय सीमा निर्धारित की गई है।
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