जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय का वह आदेश निरस्त कर दिया जो उन्होंने श्री उमेश कुमार धुर्वे वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी उमरिया के खिलाफ जारी किया था।
श्री उमेश कुमार धुर्वे ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत करते हुए बताया था कि, जबर जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल के पद पर पदस्थ थे उस समय एक मान्यता प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में उन्हें कारण बताओ सूचना पत्र दिया गया था। जवाब में उन्होंने लिखा था कि, यह मान्यता प्रमाण पत्र उनकी ओर से जारी नहीं किया गया है। इसके बावजूद आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने उनकी 2 वेतन वृद्धि रोकने के आदेश जारी कर दिए।
उनकी ओर से न्यायालय में प्रस्तुत हुए अधिवक्ता श्री मनोज कुशवाहा एवं कौशलेंद्र सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को प्रस्तुत करते हुए बताया कि ऐसी स्थिति में डिटेल इन्वेस्टिगेशन से पहले दंडात्मक कार्रवाई करना अनुचित है। यदि जिला शिक्षा अधिकारी ने जवाब में लिखा है कि मान्यता प्रमाण पत्र उनके द्वारा जारी नहीं किया गया तो इस बात की जांच कराई जानी चाहिए थी परंतु आयुक्त ने जिला शिक्षा अधिकारी के दावे की जांच कराए बिना ही दंडात्मक कार्यवाही कर दी।
उच्च न्यायालय ने वकीलों की दलील से सहमत होते हुए आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय के आदेश को निरस्त कर दिया। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है। यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं।