भोपाल। मध्य प्रदेश शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 11 जिलों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन रोक दिया गया। नोट करने वाली बात यह है कि इस कार्रवाई की कोई लिखा पढ़ी नहीं की गई। बस जनवरी माह का वेतन जारी नहीं किया गया।
सैकड़ों आंगनवाड़ी केंद्रों में दूध और अन्य सामग्री की सप्लाई बंद होने वाली है
पिछले दिनों महिला बाल विकास विभाग की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान इस विषय पर चर्चा हुई थी। बताया गया कि, राजगढ़, भिंड, नीमच, बालाघाट, सिंगरौली, अशोकनगर, झाबुआ, टीकमगढ़, रायसेन, देवास और नरसिंहपुर जिलों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जनवरी महीने का मानदेय नहीं दिया गया है। इसके अलावा यह भी पता चला कि कुछ आंगनवाड़ी केंद्रों में दूध एवं अन्य सामग्री का बिल भी अदा नहीं किया गया है। इसके कारण सामग्री सप्लाई करने वालों ने दूध एवं अन्य सामग्री देने से मना कर दिया है।
बजट की समस्या है या कोई और साजिश
एक तरफ डिपार्टमेंट के लोग कह रहे हैं कि बजट की प्रॉब्लम है दूसरी तरफ लाडली बहना योजना लांच की जा रही है जिसमें 6000 करोड़ से ज्यादा का खर्चा आएगा। यदि बजट की प्रॉब्लम होती तो मुख्यमंत्री, इतनी महंगी योजना लॉन्च नहीं करते। निश्चित रूप से कोई साजिश है, जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का वेतन रोका जा रहा है और आंगनवाड़ी केंद्रों के बिलों का भुगतान बंद कर दिया गया है। कारण कोई भी हो सकता है परंतु यह बजट की समस्या नहीं है क्योंकि कर्मचारियों के साल भर के वेतन और मानदेय का प्रावधान तो बजट के पहले दिन ही हो जाता है।
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