जबलपुर। एक महिला शिक्षक की याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर के कलेक्टर पर ₹5000 की कॉस्ट लगाई है। कलेक्टर के रवैया के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि कॉस्ट की रकम कलेक्टर अपनी जेब से जमा करेंगे। मामला कर्मचारियों के बीच भेदभाव का है।
जबलपुर कलेक्टर द्वारा कर्मचारियों के बीच भेदभाव
यह याचिका सन 2019 में महिला शिक्षक श्रीमती दुर्गा बेन निवासी जबलपुर द्वारा दाखिल की गई थी। उनकी तरफ से अधिवक्ता श्री कृष्ण कुमार कुशवाहा उपस्थित हुए। उन्होंने बताया कि बोर्ड परीक्षा के दौरान उड़नदस्ता ने एक नकल प्रकरण बनाया था। इस मामले में श्रीमती दुर्गा बेन के साथ एक अन्य महिला शिक्षक सुनीता सैयाम को भी आरोपी दर्ज किया गया था। कलेक्टर ने इस मामले में सुनीता को निंदा प्रस्ताव देकर छोड़ दिया लेकिन श्रीमती दुर्गा को 1 साल की वेतन वृद्धि रोकने का दंड दिया गया।
जबलपुर कलेक्टर ने हाईकोर्ट के नोटिस का 4 साल तक जवाब नहीं दिया
इस प्रकार जबलपुर के कलेक्टर ने समान आरोप वाले मामले में दो शासकीय कर्मचारियों के बीच भेदभाव किया। श्रीमती दुर्गा को दंडित किया गया जबकि श्रीमती सुनीता को दंड मुक्त कर दिया गया। कलेक्टर के इस आदेश के विरुद्ध महिला शिक्षक ने कमिश्नर के समक्ष अपील प्रस्तुत की परंतु कमिश्नर ने अपील निरस्त कर दी। इसलिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। हाईकोर्ट ने इस मामले में 4 साल पहले नोटिस जारी करके जवाब मांगा था परंतु कलेक्टर ने तब से अब तक जवाब प्रस्तुत नहीं किया।
अंततः हाईकोर्ट ने कलेक्टर पर ₹5000 की कॉस्ट लगा दी। मामले की अगली सुनवाई दिनांक 2023 को निर्धारित की गई है। ✔ इसी प्रकार की जानकारियों और समाचार के लिए कृपया यहां क्लिक करके हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें एवं यहां क्लिक करके हमारा टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें। क्योंकि भोपाल समाचार के टेलीग्राम चैनल पर कुछ स्पेशल भी होता है। यहां क्लिक करके व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन कर सकते हैं।