भोपाल। कर्मचारियों एवं उनके परिजनों द्वारा लगातार तीन दिन तक धरना दिए जाने के बाद जेल मुख्यालय मध्य प्रदेश, भोपाल द्वारा उज्जैन स्थित केंद्रीय जेल अधीक्षक श्रीमती उषा राजे को हटा दिया गया है। उन्हें हेडक्वार्टर अटैच किया गया है। आदेश में बताया गया है कि उनके खिलाफ गंभीर वित्तीय अनियमितता का आरोप है।
उज्जैन स्थित भैरवगढ़ केंद्रीय जेल में GPF घोटाले की जब जांच की गई तो घोटाले की रकम बढ़कर ₹150000000 हो गई। श्रीमती उषा राजे को भैरवगढ़ से हटाने के लिए कर्मचारियों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया था। तीन कर्मचारी अपने पूरे परिवार के साथ जेल परिसर में आमरण अनशन पर बैठे हुए थे। उल्लेखनीय है कि इस GPF SCAM में एक क्लर्क के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा चुका है। माना जा रहा है कि, इस जांच के पूरा होने के बाद जेल अधीक्षक श्रीमती उषा राजे के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
भैरवगढ़ जेल जीपीएफ घोटाला क्या है
उज्जैन की सेंट्रल जेल भैरवगढ़ और इससे जुड़ी 4 उपजेलों के कर्मचारियों के साथ 13 करोड़ रुपए से अधिक का गबन हुआ है। कर्मचारियों को पता ही नहीं चला कि उनके खाते से उनकी मर्जी के बिना रकम ट्रांसफर हो गई। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने ट्रेजरी ऑफिसर को थाने भेजकर धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। जेल के मुख्य प्रहरी एसके चतुर्वेदी के भविष्य निधि खाते से 12 लाख रुपए और प्रहरी उषा कौशल के GPF (जनरल प्रोविडेंट फंड) के 10 लाख रुपए निकाल लिए गए। जेल के कर्मचारी रिपुदमन ने यह रकम निकालकर बैंक ऑफ इंडिया भैरवगढ़ के खाते में ट्रांसफर की। ऐसे और भी कर्मचारी हैं, जिन्हें पता ही नहीं चला और उनके आवेदन के बिना ही उनका GPF का पैसा दूसरे खातों में ट्रांसफर हो गया।
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