भोपाल। मध्यप्रदेश की विधानसभा में आज कांग्रेस पार्टी के विधायक जीतू पटवारी अपने आप में एक मुद्दा हैं। गुरुवार को उन्हें विधानसभा से निष्कासित कर दिया गया था। आज कांग्रेस पार्टी के विधायकों ने उनके समर्थन में विधानसभा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि इस अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी साफ दिखाई देती है। बेचारा अकेला रह गया।
विधानसभा अध्यक्ष का अविश्वास प्रस्ताव, कांग्रेस की गुटबाजी का प्रमाण: नरोत्तम मिश्रा
मध्य प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों को बताया कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से विधानसभा अध्यक्ष के प्रति अविश्वास प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। इसमें कुल 48 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। यानी सदन में विपक्षी विधायकों की उपस्थिति का 50% होता है। डॉ मिश्रा ने कहा कि यहां ध्यान देने वाली बात है कि, कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और विधायक जीतू पटवारी के समर्थन में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए जबकि दुनिया को दिखाने के लिए जीतू पटवारी का समर्थन करते हुए फोटो वीडियो जारी किए थे।
जब नेता प्रतिपक्ष के हस्ताक्षर हैं तो सवाल ही क्या होता है: केके मिश्रा
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ इस घटनाक्रम के समय अलीराजपुर जिले के जोबट क्षेत्र में आयोजित भगोरिया उत्सव में शामिल हुए हैं। कांग्रेस पार्टी के मीडिया डिपार्टमेंट के चेयरमैन श्री केके मिश्रा ने बताया कि, योन का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम था और जहां तक जीतू पटवारी को समर्थन की बात है तो कमलनाथ नहीं अविश्वास प्रस्ताव का प्रस्ताव रखा था और कमलनाथ ने ही अविश्वास प्रस्ताव का ऐलान किया था। विधानसभा सदन में विधायक दल के नेता, डॉक्टर गोविंद सिंह हैं और अविश्वास प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर भी हैं। डॉक्टर गोविंद सिंह के हस्ताक्षर का मतलब है, कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों के हस्ताक्षर। इसमें किसी तरह का कोई प्रश्न नहीं है।
सदन स्थगित करने से मामला शांत नहीं होगा, एक नहीं दो धमाके करेंगे: कांग्रेस सूत्र
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक विश्वसनीय सूत्र ने कहा कि विधान सभा का सदन स्थगित करने से यह मामला शांत नहीं होगा। कल की मीटिंग में इस बात की पूरी संभावना थी कि विधानसभा में आज का सदन स्थगित कर दिया जाएगा और फिर होली के त्यौहार के बहाने इसे लंबा टाल दिया जाएगा, लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी अपनी पूरी तैयारी से है। जैसे ही सदन समवेत होगा, हम एक के बाद एक दो धमाके करेंगे।
हंगामा के चलते मध्यप्रदेश विधानसभा को 13 मार्च 2023 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मध्यप्रदेश विधानसभा का यह बजट सत्र 30 मार्च 2023 तक के लिए निर्धारित है। उम्मीद थी कि इस बार मध्यप्रदेश के भाग्य और भविष्य पर लगातार चर्चा होगी और कुछ अच्छे निर्णय होंगे।
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