जबलपुर। मध्य प्रदेश शासन के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संचालित स्कूलों में नियुक्ति के लिए चयनित किए गए उम्मीदवारों को स्कूल शिक्षा विभाग में च्वाइस फिलिंग मामले में सुनवाई की तारीख निर्धारित की गई है। इसमें सभी बिंदुओं पर विस्तार से विचारण होगा।
शासन का उत्तर जल्दीबाजी में दिया गया
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील श्री अमित चतुर्वेदी एवं अमर गुप्ता से प्राप्त जानकारी के अनुसार शासन द्वारा एवम कम रैंक प्राप्त कुछ अभ्यर्थियों द्वार उच्च न्यायालय से इंदौर बेंच के निर्णय के आधार पर, याचिका खारिज करने की मांग की गई थी परंतु, कोर्ट को अवगत करवाया गया की इंदौर खंडपीठ के समक्ष सम्पूर्ण नियम एवम तथ्य नही आए थे। शासन का उत्तर जल्दीबाजी में दिया गया है। अतः न्याय पूर्ण नहीं होगा।
कुछ देर की सुनवाई बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई 20 मार्च को नियत की है। साथ ही शासन एवम हस्तक्षेप करने वाले अभ्यर्थियों को विस्तृत उत्तर के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 20 मार्च को है। शासन को विस्तृत जवाब प्रस्तुत करनें के निर्देश दिए गए हैं। अभी प्रस्तुत जवाब संतोष जनक एवम सभी बिंदुओं को संबोधित नही करता है। माननीय न्यायाधीश की टिप्पणी के अनुसार, पब्लिक रोजगार मेरिट सूची को इग्नोर नही किया जाना चाहिए। केस में विस्तृत सुनवाई के साथ सभी बिन्दुओं को संबोधित करने वाले फैसले के आने की उम्मीद है।
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