जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जबलपुर के कलेक्टर को नोटिस जारी करके पूछा है कि ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर के ऑफिस में डाटा एंट्री के पद पर नियुक्त किए गए अस्थाई कर्मचारी को निर्धारित कलेक्टर रेट से कम वेतन क्यों दिया जा रहा है। श्रम विभाग के कानूनों के अनुसार कंप्यूटर ऑपरेटर को उच्च कुशल श्रमिक की श्रेणी में शामिल किया गया है।
डिंडौरी के समनापुर में रहने वाले राजकुमार नंदा ने याचिका दायर कर बताया कि जुलाई 2010 से कलेक्टर दर पर दैवेभो के रूप में आदिम जनजाति कार्य विभाग में नियुक्त हुआ। वर्तमान में ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में डेटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में कार्यरत है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह ने बताया, लेबर कमिश्नर इंदौर द्वारा घोषित किए गए नियम के अनुसार डेटा एंट्री ऑपरेटर उच्च कुशल श्रमिक की परिभाषा में आता है।
नियुक्ति दिनांक से अक्तूबर 2021 तक न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया गया। अक्टूबर 2021 में न्यूनतम मजदूरी पर 12 हजार 335 रुपये एक महीने का भुगतान किया गया। इसके बाद से सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग के मौखिक निर्देश के अनुसार नवंबर 2021 से 5000 मासिक भुगतान किया जा रहा है। आवेदक की ओर से दलील दी गई कि वर्तमान में उच्च कुशल श्रमिक के लिए न्यूनतम मजदूरी 12 हजार 860 रुपये है। कलेक्टर डिंडौरी को न्यूनतम मजदूरी भुगतान के संबंध में अभ्यावेदन दिया गया था। जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो याचिका दायर की गई।
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