भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने आरोप लगाया है कि संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने उन पर नियम पुस्तिका फेंक कर मारी है। उन्होंने कहा कि ऐसे मंत्री का सदन में रहना उचित नहीं है। हम सदन के समवेत होते ही इनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई का प्रस्ताव लाएंगे।
मध्यप्रदेश विधानसभा- नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह का बयान
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश विधानसभा में आज कांग्रेस पार्टी के विधायक जीतू पटवारी के निलंबन के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्ताव पर कुल 48 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने बताया कि, आज बजट सत्र के पांचवें दिन स्पीकर गिरीश गौतम के खिलाफ कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा, सदन में, मैं स्पीकर से पूछ रहा था कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कब कराएंगे? इसी बीच संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने नियम संचालन पुस्तिका मेरी ओर जोर से फेंककर मारी। नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा, हम संसदीय कार्यमंत्री के विरुद्ध अवमानना प्रस्ताव लाएंगे। इस प्रकार के मंत्री को सदन में बैठने का अधिकार नहीं है।
मध्यप्रदेश विधानसभा- संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का बयान
नेता प्रतिपक्ष के आरोप पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा, मैंने किताब नहीं मारी। मैं चपरासी को हटा रहा था। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव लाना ही था तो मेरे खिलाफ लाते। मूल कार्य तो संसदीय कार्यमंत्री का था। डॉ मिश्रा ने कहा कि पिछले 3 साल में इस सदन में कोई सार्थक बहस नहीं हुई है। कांग्रेस पार्टी के विधायक सदन में अपनी बात रखना ही नहीं चाहते। वह हमारी बात सुनते ही हंगामा करने लगते हैं। सदन स्थगित करना पड़ता है या फिर वह लोग वॉकआउट करके चले जाते हैं।
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज की हाइलाइट्स
- स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही विपक्ष की नारेबाजी के बीच शुरू हुई।
- नेता प्रतिपक्ष ने कहा- हमने संसदीय कार्य मंत्री के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव दिया है। इन्हें आज के पूरे सत्र के लिए निलंबित किया जाए।
- स्पीकर ने बोले- मैंने निष्पक्ष होकर जीतू पटवारी के निलंबन की कार्रवाई की है।
- सज्जन सिंह वर्मा ने किताब फाड़ी। कांग्रेस विधायकों ने नरोत्तम मिश्रा मुर्दाबाद के नारे लगाए।
- स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
- सज्जन वर्मा ने स्वीकारा- मैंने सदन में किताब फाड़ी। बोले- सज्जन वर्मा पर कार्रवाई होती है, इससे पहले नरोत्तम मिश्रा पर कार्रवाई करो।
- कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले पत्रकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। पत्रकार धरने पर बैठ गए तो प्रतिबंध हटा दिया गया लेकिन सत्र स्थगित कर दिया क्या।
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