BHOPAL NEWS- SC-ST एक्ट का दुरुपयोग के मामले में वकील के खिलाफ FIR

Bhopal Samachar
भोपाल।
एडवोकेट तोरण सिंह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। उन पर आरोप है कि, अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को लालच देकर अन्य लोगों के खिलाफ झूठी शिकायत करवाते हैं। मामला दर्ज करने के लिए पुलिस पर दबाव बनाते हैं। यह मामला तत्कालीन आजाद एसपी भोपाल ज्योति ठाकुर की शिकायत पर दर्ज किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एडवोकेट तोरण सिंह ने एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने के लिए उन पर अनावश्यक दवाब बनाया और शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न नदी। 

नंदकिशोर जाटव ने वीर सिंह एवं ललरिया चौकी प्रभारी के खिलाफ शिकायत की थी

पुलिस ने बताया कि सन 2021 में ग्राम अर्राई राय सिंह तहसील बैरसिया के रहने वाले नंदकिशोर उर्फ रमेश पुत्र जमना प्रसाद जाटव ने ग्राम अर्राई के रहने वाले वीर सिंह पुत्र किशन सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। नंदकिशोर ने अपनी शिकायत में बताया कि उसने वीर सिंह का बैटन बोर्ड बनाने का काम किया था। जिसके 35 हजार रुपए लेने थे। जिसे मांगने पर वीर सिंह ने नंदकिशोर की पिटाई कर दी। जिसकी शिकायत नंदकिशोर ने थाने में करने गया तो चौकी प्रभारी ललरिया थाना बैरसिया में पदस्थ एसआई परसराम धुर्वे ने नंदकिशोर को गाली गलौच कर धक्का देकर बाहर कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की गई।

एडवोकेट तोरण सिंह ने पुलिस की जांच में हस्तक्षेप किया, धमकी दी: एसपी का आरोप

अजाक एसपी भोपाल ज्योति ठाकुर ने जांच के लिए नंदकिशोर को बुलाया। 18 जून 2021 को जांच के दौरान ज्योति ठाकुर ने नंदकिशोर से पिछली दो तारीख पर न आने की वजह पूछी। जिस पर नंदकिशोर के साथ आए मकान नंबर- 196 चौकसे नगर, बैरसिया रोड निवासी एडवोकेट तोरण सिंह तेज आवाज में एसपी से बात करने लगा। कहने लगा मैं वकील हूं आपको एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज करना पड़ेगा, वरना मैं आपकी शिकायत करूंगा। तोरण सिंह को समझाने पर उसने हंगामा करना शुरू कर दी। इस पर एसपी ने कार्यालय से बाहर जाने को कहा लेकिन तोरण सिंह अड़ा रहा। इस पर कोहेफिजा पुलिस को सूचना दी गई। जब पुलिस पहुंची तब तक तोरण सिंह एसपी आफिस से जा चुका था। मामले की शिकायत एसपी ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से की थी। जांच के बाद तोरण सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

एससी-एसटी वर्ग को भरोसे में लेकर पैसा कमाता

इन्वेस्टिगेशन के दौरान एसआई धुर्वे ने बताया कि शिकायतकर्ता नंदकिशोर, एडवोकेट तोरण सिंह के बहकावे में आकर वीर सिंह के खिलाफ जातिगत अपमानित करने का झूठा मुकदमा दर्ज कराना चाहता है। झूठा केस न दर्ज करने पर नंदकिशोर वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय में झूठी शिकायतें कर रहा है। 

एडवोकेट तोरण सिंह इलाके में झूठी शिकायतों करके आर्थिक लाभ उठाने के लिए पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाने का आदी है। तोरण सिंह आए दिन एससी-एसटी वर्ग के लोगों को भरोसे में लेकर पैसा कमाने के इरादे से क्षेत्रीय लोगों के खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज करवाता है। इसके पहले भी तोरण सिंह कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत कर मानसिक दबाव बना चुका है।

मामले की जांच में निकला फर्जी एडवोकेट 

अजाक एसपी ने ललरिया चौकी प्रभारी बेरसिया एसआई परसराम धुर्वे को पूछताछ के लिए बुलाया। उन्होंने बताया कि तोरण सिंह एडवोकेट नहीं है लेकिन खुद को वकील बताता है। 18 जून 2021 को एडवोकेट तोरण सिंह की जानकारी जुटाने के लिए हाई कोर्ट जबलपुर को इस घटना के संबंध में पुलिस ने लेटर लिखा। जहां से 25 जून 2021 को जवाब मिला कि अभिभाषक संघ भोपाल के रिकार्ड में तोरण सिंह नाम का कोई व्यक्ति रजिस्टर्ड नहीं है। 

पुलिस इन्वेस्टिगेशन में कहा गया है कि तोरण सिंह खुद को एडवोकेट बताकर एट्रोसिटी एक्ट के मामले में इन्वेस्टिगेशन के दौरान हस्तक्षेप करता है और उसकी मर्जी के मुताबिक मामले दर्ज करने के लिए पुलिस अधिकारियों पर दबाव बनाता है। उसकी बात नहीं मानने पर वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत करता है। 

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