मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जल संकट पड़ गया है। वाटर लेवल तेजी से नीचे की तरफ जा रहा है। परिस्थितियों को कंट्रोल में करने के लिए कलेक्टर ने ट्यूबवेल खनन एवं पानी के दुरुपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। पीएसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि किसानों द्वारा एवं कारखानों में बड़े पैमाने पर पानी का दुरुपयोग किया जा रहा है। कलेक्टर कार्यालय से जारी आदेश पढ़िए:-
बिल्डर, ठेकेदार, कारखाने और किसानों की कारण वाटर लेवल गिरा
कार्यालय कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, जिला भोपाल से जारी आदेश क्र0/2187/ सूखा राहत / पेयजल / 2023, भोपाल, दिनांक 22/04/2023 में लिखा है कि, कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जिला भोपाल द्वारा अवगत कराया है कि भोपाल जिले में कृषि एवं व्यावसायिक कार्य हेतु भू-जल स्त्रोतो का अतिदोहन होने से पेयजल स्रोतों / नलकूपों का जल स्तर तेजी से गिर रहा है।
मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986
1- गिरते भू-जल स्तर के कारण संपूर्ण जिले में आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल संकट की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए संपूर्ण भोपाल जिले में मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के तहत पेयजल से भिन्न अन्य प्रयोजन के लिए नवीन निजी नलकूपों के खनन पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक है। मेरे द्वारा पेयजल संकट की स्थिति का परीक्षण किये जाने पर यह परिलक्षित हुआ है कि यदि जिले में निजी नलकूप खनन पर प्रतिबंध नही लगाया तो ग्रीष्मकाल में जिले में गंभीर पेयजल संकट उत्पन्न होने की संभावना है।
मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण संशोधन अधिनियम 2002 की धारा-3
2- मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 तथा संशोधन अधिनियम 2002 (अधिनियम) मे निहित प्रावधानो के तहत मै आशीष सिंह, कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट, भोपाल, अधिनियम की धारा-3 के अंतर्गत भोपाल जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रो को जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित करता हूँ तथा जिले में निरंतर भू-जल की गिरावट को दृष्टिगत रखते हुए अधिनियम की धारा-6 (1) के अंतर्गत संपूर्ण जिले में अशासकीय व निजी नलकूप खनन करने पर दिनांक 22.04.2023 से 30.06. 2023 तक प्रतिबंध लगाया जाता है।
3- सम्पूर्ण जिला भोपाल की राजस्व सीमाओं में नलकूप / बोरिंग मशीन संबंधित अनुविभागीय
अधिकारी (राजस्व) की अनुमति के बिना न तो प्रवेश करेगी (सार्वजनिक सड़को से गुजरने वाली मशीनों को छोड़कर) और न ही बिना अनुमति के कोई नया नलकूप खनन करेगी।
4- संबधित राजस्व एव पुलिस अधिकारियों को ऐसी बोरिंग मशीन जो अवैध रूप से जिले में प्रतिबंधित स्थानो पर प्रवेश करेगी अथवा नलकूप खनन / बोरिंग का प्रयास करेगी उक्त मशीनो को जप्त कर संबधित पुलिस थाना क्षेत्र में एफ.आई.आर. दर्ज कराने का अधिकार होगा।
5- समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को उनके क्षेत्रान्तर्गत इस निमित अपरिहार्य प्रकरणो के लिए व अन्य प्रयोजनो हेतु उचित जांच के पश्चात अनुज्ञा देने हेतु प्राधिकृत किया जाता है। 6- इस अधिसूचना का उल्लघन करने पर अधिनियम की धारा-3 या धारा-4 के उपबंध का उल्लंघन करने पर दो हजार रूपये के जुर्माने तथा दो वर्ष तक के कारावास या दोनों से दण्डित करने का प्रावधान है।
7- शासकीय योजनाओं के अंतर्गत किये जाने वाले नलकूप उत्खनन पर यह आदेश लागू नहीं
होगा, तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा कार्ययोजनांतर्गत नलकूप खनन का कार्य कराया जा सकेगा, इस हेतु उपरोक्तानुसार अनुज्ञा प्राप्त किया जाना आवश्यक नही होगा । 8- नवीन खनित निजी नलकूप एवं अन्य विद्यमान निजी जल स्त्रोतो का आवश्यकता होने पर सार्वजनिक पेयजल व्यवस्था हेतु अधिनियम की धारा-4 के अंतर्गत अधिग्रहण किया जा सकेगा। यह आदेश तत्काल प्रशावशील रहेगा।
(आशीष सिंह) कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट जिला भोपाल
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