BHOPAL NEWS- बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे लोग, क्योंकि ज्यादातर ट्यूबवेल फेल हो जाएंगे

Bhopal Samachar

Bhopal Samachar- kaliaot rever water recharge 

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जल्दी ज्यादातर ट्यूबवेल फेल हो जाएंगे, क्योंकि लाखों ट्यूबवेल को रिचार्ज करने वाली कलियासोत नदी को बंद कर दिया गया है। इसके कारण भोपाल के एक बड़े हिस्से का वाटर लेवल नीचे चला जाएगा और ट्यूबवेल में से पानी आना बंद हो जाएगा। अभी भी भोपाल शहर के कई ट्यूबवेल में गड़बड़ी शुरू हो गई है। 

कलियासोत नदी को पाटने के लिए 15 दिन तक मिट्टी डाली गई

राजधानी भोपाल के प्रख्यात पत्रकार श्री संतोष चौधरी ने ग्राउंड रिपोर्ट प्रकाशित की है। उन्होंने बताया है कि एक प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा नदी में मिट्टी भरकर उसे बंद कर दिया गया है और रिटेनिंग वॉल बनाई जा रही है। जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री नितिन कुईकर इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर बताया गया है कि जेके हॉस्पिटल से संबंधित लोगों ने नदी में मिट्टी डालकर रिटेनिंग वॉल बनाने का काम किया। लगातार पंद्रह दिन तक बाहर से मिट्टी लाकर नदी में डाली जाती रही। वॉल बनाने के लिए पहाड़ी की भी कटाई की गई। 

हमने नदी नहीं बल्कि नदी ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है: जय नारायण चौकसे

जेके हॉस्पिटल के चेयरमैन श्री जय नारायण चौकसे का कहना है कि हमने नदी नहीं बल्कि नदी ने हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। हमारी लगभग 40 फीट जमीन का कटाव हो चुका है। इसी को रोकने के लिए रिटेनिंग वॉल बना रहे हैं। इसके लिए राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा हमें अनुमति दी है। हमारे साथ प्रशासन भी काम करेगा। जल संसाधन विभाग और एसडीएम कोलार का इस से कोई संबंध नहीं है। 

भोपाल के लिए कलियासोत नदी का महत्व

कलियासोत नदी का अस्तित्व भोपाल की जमीन पर इंसानों की बरसात के पहले का है। भोपाल के दक्षिण-पश्चिम इलाके में हरियाली होती है। जंगल हरे-भरे दिखाई देते हैं। इसी नदी के कारण भोपाल के दक्षिण-पश्चिम इलाकों के ट्यूबवेल रिचार्ज होते हैं। यदि नदी सूख जाएगी या फिर इस तरह से नदी की प्राकृतिक धारा को बंद करने की कोशिश की जाएगी तो नदी अपना रास्ता बदल देगी। ऐसी स्थिति में वह इलाका निश्चित तौर पर प्रभावित होगा जो कलियासोत नदी के कारण हरा भरा दिखाई देता है और जहां पर 500 फीट से भी कम पर पानी निकल आता है। 

कलियासोत की पूजा और परिक्रमा करना चाहिए

कलियासोत एक प्राकृतिक मिली है। एक गहरे रंग के व्यक्ति द्वारा इस नदी का अनुसंधान किया गया था इसलिए इस नदी को कालिया स्रोत कहा गया जिसे अब कालियासोत नदी के नाम से जाना जाता है। इस नदी के पानी में चमत्कारी गुण हैं। राजा भोज का गंभीर त्वचा रोग जिसे दुनिया भर के महान वैद्य ठीक नहीं कर पाए थे, इस नदी के पानी में स्नान करने से वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गए थे। 

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