मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की जीवनदायिनी कलियासोत नदी को बचाने के लिए कलेक्टर श्री आशीष सिंह स्वयं मौके पर पहुंचे और उन्होंने नदी की धारा मोड़ने के लिए बनाई जा रही रिटेनिंग वॉल को तोड़ने के आदेश दिए। यह दीवार जेके हॉस्पिटल द्वारा बनाई जा रही थी। इसके अलावा नदी में मिट्टी डालकर उसे बंद किया जा रहा था। कलेक्टर ने मिट्टी हटाने के निर्देश दिए हैं। कुल मिलाकर पत्रकारों की रिपोर्ट सही पाई गई और कार्यवाही की शुरुआत हो गई है।
कलियासोत नदी मामले में कलेक्टर ने अब तक क्या कार्रवाई की
जांच के बाद कलेक्टर ने बताया कि, संबंधित ठेकेदार कंपनी को 1 सप्ताह के भीतर अपने खर्चे पर रिटेनिंग वॉल हटाने और नदी में भरी गई मिट्टी साफ करने के निर्देश दिए गए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो कंपनी संचालक के खिलाफ FIR दर्ज करवाई जाएगी। इसके अलावा जिस इंजीनियर द्वारा विवादित NOC जारी की गई उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र व्यवहार किया गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले कोलार के एसडीएम श्री क्षितिज शर्मा एवं जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री नितिन कुईकर द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। सूत्रों का कहना है कि जांच में पाया गया है कि NOC किसी दूसरे स्थान के लिए दी गई थी जबकि रिटेनिंग वॉल किसी दूसरे स्थान पर बनाई जा रही थी।
नेताओं को आपत्ति नहीं थी, पत्रकारों ने नदी बचाई
इस मामले में नोट करना जरूरी है कि भोपाल के लिए इतनी महत्वपूर्ण कलियासोत नदी को बंद करने और दीवार बनाकर उसका रास्ता रोकने का काम किया जा रहा था परंतु कोलार में सक्रिय नेताओं को इससे कोई आपत्ति नहीं थी। पत्रकारों ने मोर्चा संभाला और मामले को मुद्दा बनाया। यहां ध्यान देने वाली दूसरी बात यह भी है कि, निष्पक्षता का नारा लगाने वाले सबसे बड़े पत्रकार ने इस खबर से परहेज किया था क्योंकि एलएनसीटी ग्रुप और जेके हॉस्पिटल के मालिक श्री जयप्रकाश चौकसे से उनकी काफी अच्छी मित्रता है।
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