Government employees overtime Supreme Court decision
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वित्त मंत्रालय के अंतर्गत संचालित सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मीटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के कर्मचारियों के ओवरटाइम के दावे को खारिज करते हुए कहा कि, सरकारी कर्मचारियों के सेवा नियम और फैक्ट्री एक्ट दोनों में अंतर है। फैक्ट्री के कर्मचारी को डबल ओवरटाइम का अधिकार है परंतु सरकारी कर्मचारी को ओवरटाइम का अधिकार नहीं है फिर बड़े ही हो सरकारी फैक्ट्री में क्यों ना पदस्थ हो।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार अथवा किसी भी राज्य सरकार के कर्मचारी, सरकार से कई प्रकार के लाभों का आनंद लेते हैं। सरकारी सेवा में होना उनके लिए प्रतिष्ठा का विषय होता है। जबकि प्राइवेट फैक्ट्री के कर्मचारियों को सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारी के समान लाभ नहीं दिए जाते। इसलिए फैक्ट्री एक्ट के तहत प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को जो अधिकार प्राप्त है वही अधिकार शासकीय कारखाने के कर्मचारियों को प्रधान नहीं किए जा सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि, सरकारी कारखाने, फैक्ट्री अथवा कंपनी के कर्मचारी फैक्ट्री एक्ट के तहत नहीं आते। सरकार ने उनकी सेवा के लिए अलग से सेवा नियम बनाए होते हैं। उल्लेखनीय है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने वित्त मंत्रालय के अंतर्गत संचालित सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मीटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के कर्मचारियों के ओवरटाइम के दावे को सही मानते हुए ओवरटाइम भुगतान करने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने, हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया है।
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