मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एमपी नगर जोन 2 में स्थित सिटी अस्पताल के संचालक के खिलाफ एमपी नगर पुलिस थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने आयुष्मान योजना के माध्यम से ज्यादा पैसा कमाने के लिए भर्ती मरीजों की संख्या में गड़बड़ी की।
18 का 24 चल रहा था, जांच दल ने पकड़ा
मध्य प्रदेश की राज्य स्वास्थ्य एजेंसी आयुष्मान निरामय की कार्यपालक अधिकारी ने पुलिस को जानकारी दी और मामला दर्ज करवाया। उन्होंने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया कि दिनांक 25 जनवरी को राज्य स्वास्थ्य एजेंसी से अनुबंधित विडाल टीपीए (थर्ड पार्टी एडमिनिस्टेटर) दल द्वारा सिटी हॉस्पिटल भोपाल की जांच की गई थी। फिजिकल वेरीफिकेशन के दौरान अस्पताल में केवल 18 मरीज भर्ती मिले जबकि अस्पताल के रिकॉर्ड में आयुष्मान योजना के तहत 24 मरीज भर्ती दिखाए गए थे। जिनका बिल लगाकर शासन से पैसे भी ले लिए गए थे।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में आयुष्मान योजना का लाभ आम नागरिकों से ज्यादा प्राइवेट अस्पताल संचालकों को मिला है। इस योजना की कारण कई मकान जिन्हें कोई किराए पर लेने के लिए तैयार नहीं था उनमें रातों-रात प्राइवेट अस्पताल खुल गए। भोपाल शहर में ऐसे कई अस्पताल है जिसमें कोई नियमित डॉक्टर नहीं मिलता। डॉक्टर की कुर्सी पर होम्योपैथी या आयुर्वेद की डिग्री वाला चिकित्सक मिलता है।
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