करेला स्वास्थ्य के लिए बड़ा ही फायदेमंद होता है। खून साफ करता है, जोड़ों के दर्द में राहत देता है, मोटापा कंट्रोल करता है यहां तक कि किडनी स्टोन को भी रिमूव कर देता है। सवाल यह है कि जब करेला इतना फायदेमंद होता है तो फिर उसका स्वाद कड़वा क्यों होता है। दूसरा सवाल है कि करेला सब्जी होता है या फल। आइए जानते हैं।
एल्कालॉइड मोमोर्डिसिन के कारण ही करेला कड़वा हो जाता है
आयुर्वेद डॉक्टर रजनीश कुमार गौतम बताते है कि, करेले(Momordica charantia or Bitter gourd) की कड़वाहट का मुख्य कारण एल्कालॉइड मोमोर्डिसिन होता है, यह एल्कालॉइड करेले के संपूर्ण पौधे मे पाया जाता है परन्तु सबसे ज्यादा मात्रा मे इसके बीज मे पाया जाता है। इस एल्कालॉइड मोमोर्डिसिन के कारण ही करेला सबसे गुणवान बन जाता है। डायबिटीज जैसी बीमारी का एलोपैथी में कोई इलाज नहीं है जबकि करेला बड़ा फायदेमंद होता है। इसमे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते है, यह शरीर के मेटाबोलिज्म और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है।
श्री राहुल निषाद बताते हैं कि, करेले में आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन से लेकर पोटैशियम और विटामिन सी तक महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते है। यदि आप करेले के बीज साफ कर दें और इसकी खुरदरी सतह को निकाल दें तो इसकी कड़वाहट कम हो जाएगी लेकिन उससे मिलने वाले फायदे कम नहीं होंगे। कुछ और ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए करेले को काटने के बाद उसे नमक के पानी में डूबा कर रख दें।
करेला सब्जी है या फल
ज्यादातर लोग करेला को सब्जी मानते हैं क्योंकि यह सब्जी की दुकान पर मिलता है परंतु यह सब्जी नहीं बल्कि एक फल है। जो लोग इसके बारे में ठीक प्रकार से जानते हैं वह सलाद में भी इसका उपयोग करते हैं। फल होने के कारण इसे उपवास में भी खाया जा सकता है।
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